एक शव के दो दावेदार : गोंडा के जुमराती का ही था शव, सुन्नत के सहारे हुआ फैसला, परिवार को सुपुर्द
पीएमसीएच के मुर्दाघर के बाहर शव के इंतजार में खड़े गोंडा के जुमराती के परिजन
जागरण संवाददाता, धनबाद : एक शव पर दो अलग अलग समुदाय से जुड़े परिवारों की दावेदारी का विवाद आखिरकार 72 घंटे बाद सोमवार को सुलझा लिया गया। गिरिडीह के निमियाघाट थाने से पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने दोनों परिवारों से मृतक की पहचान को लेकर घंटों पूछताछ की। इसके बाद एक बार फिर पोस्टमार्टम हाउस में जाकर शव की जांच की गई। जांच के क्रम में शव पर दावेदारी कर रहे गोंडा के निवासी जब्बार अली के दावे की तस्दीक हुई। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र जुमराती का सुन्नत किया गया था। इसी आधार पर उनके दावे की पुष्टि करते हुए पुलिस ने जब्बार अली को शव सौंपने का फैसला किया। इसके बाद गिरिडीह के बालकिशन शर्मा ने भी अपना दावा वापस लेते हुए उन्हें शव सौंपने की सहमति दे दी। रात में शव जब्बार अली को सौंप दिया गया जिसके बाद वे लोग गोंडा के लिए रवाना हो गए।
यह था मामला : निमियाघाट थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में एक करीब 35 वर्षीय युवक घायल हो गया था। उसे उपचार के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। अगले दिन शनिवार सुबह उत्तरप्रदेश के गोंडा जिला के कोतवाली देहात के टिकरीमा गांव के रहनेवाले जब्बार अली पीएमसीएच पहुंचे और मृतक की पहचान अपने बेटे जुमराती के रूप में की। उन्होंने बताया कि उनका पुत्र मानसिक रूप से विक्षिप्त था और अक्सर घर से भागा हुआ रहता था। वह कहीं भी जाकर मांगकर अपना गुजारा करता था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने देर शाम को जब्बार अली को शव सौंप दिया था। लेकिन शाम के पांच बजे गिरिडीह के गांवा स्थित माल्डा गांव निवासी बालकिशन शर्मा पीएमसीएच पहुंचे और मृतक के शव पर अपना दावा किया। उन्होंने कहा कि शव उनके बेटे संतोष का है। इसके बाद सरायढेला पुलिस ने शव लेकर गोंडा जा रहे एंबुलेंस चालक को फोन कर हजारीबाग के गोरहर थाना क्षेत्र में रुकवाया। गोरहर थाने से पुलिस अधिकारी वापस शव लेकर आधी रात के करीब पीएमसीएच पहुंचे। वहां दोनों पक्षों के दावे को देखते हुए पुलिस ने शव को पीएमसीएच में रखवा दिया।
रविवार को नहीं हो सका फैसला : दोनों परिवारों के दावे को देखते हुए रविवार को पूरे दिन सरायढेला थाने में पूछताछ की गई। दोनों परिवारों ने शव अपने परिजन का होने का दावा करते हुए कई दस्तावेज दिखाए। जब्बार अली ने कहा कि उनके पुत्र का कैंसर होने के कारण एक पैर काट दिया गया था। इससे संबंधित इलाज के कागजात भी दिखाए। उन्होंने बताया कि जुमराती के पांच बच्चे भी है। डीएनए जांच भी कराया जा सकता है। पुलिस ने डीएनए जांच की प्रक्रिया भी शुरू की लेकिन सोमवार को फिर शव की गहनता से जांच में स्थिति स्पष्ट हो गई।