लक्ष्मी के जन्म पर शगुन देगी सरकार, मां के खाते में मिलेंगे पांच हजार
घर में बेटियों के जन्म लेने पर खुशी मनाने की एक और वजह सरकार ने दी है। 24 जनवरी को मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू होगी। बच्ची के जन्म लेते ही मां को पांच हजार रुपये मिलेंगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद: घर में बेटियों के जन्म लेने पर खुशी मनाने की एक और वजह सरकार ने दी है। 24 जनवरी को मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू होगी। इसके तहत झारखंड में किसी बच्ची के जन्म लेते ही मां के खाते में पांच हजार रुपये पहुंच जाएंगे। बच्ची के पहली कक्षा में नामांकन के साथ ही पांच हजार रुपये पुन: मां के खाते में सरकार की ओर से दिए जाएंगे। पांचवीं, आठवीं व 10वीं कक्षाओं में पहुंचने पर भी हर बार मां के खाते में पांच-पांच हजार दिए जाएंगे।
12 वीं के बाद एकमुश्त 10 हजार रुपये राज्य सरकार इस योजना के तहत मां के खाते में देगी। इस योजना के राज्य के 27 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद में की। वह गोल्फ ग्राउंड में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में नवदंपतियों को आशीर्वाद देने आए थे। सर्व धर्म सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन धनबाद जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन की ओर से किया गया था।
सीएम ने आयोजकों को समारोह में विवाह बंधन में बंधने जा रहे सभी जोड़ों की सूची व उनका बीपीएल कार्ड जिला प्रशासन को मुहैया कराने का निर्देश देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 30-30 हजार रुपये देने की भी घोषणा की। सीएम ने कहा कि जितने भी नए जोड़े यहां उपस्थित हैं उनका जीवन सुखमय रहे इस लिहाज से कौशल विकास योजना के तहत सभी युवक व युवतियों को हुनरमंद भी बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेटियों को पढ़ा देंगे तो विपरीत परिस्थितियों में जिस घर में भी जाएंगी उसका मुकाबला कर सकेंगी। उन्हें किसी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना होगा। सीएम ने भरोसा देते हुए कहा कि जिन दंपतियों की शादी मैंने कराई है, उनके जीवन को खुशहाल भी अब मैं ही बनाउंगा।
फिजूलखर्ची के खिलाफ सामूहिक विवाह समारोहों को बनाएं जनांदोलन: मुख्यमंत्री ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के समारोहों को जनांदोलन का रूप देना चाहिए। इससे विवाह समारोहों में फिजूलखर्ची रुकेगी। इस तरह के समारोहों को बढ़ावा देने के लिए सरकार धनबाद जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन को प्रति जोड़ा दो हजार रुपये की वित्तीय सहायता भी देगी। यदि सभी जोड़ों की अलग-अलग शादी हुई होती तो लाखों का खर्च होता। कितनी कन्याओं के पिता को जमीनें बेचनी पड़ती व बहनों के गहने गिरवी रखे जाते।
हमारे रहते कोई खुद को अनाथ न समझे: रघुवर ने कहा कि हमारी सरकार के रहते कोई खुद को अनाथ न समझे। मैंने गरीबी देखी है। देश के प्रधानमंत्री भी गरीब परिवार से आए हैं। इसलिए हमने गरीबों के लिए ही सभी योजनाएं बनाई हैं। उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, शौचालय योजना इसके प्रमाण हैं। बेटियों का ड्रॉपआउट न हों, वह पढ़ लिख कर आगे बढ़ें व 18 वर्ष की उम्र में उनकी शादी हो, इस लिहाज से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना चलाई है। अब हमने गरीब का दाह-संस्कार करनेवालों के लिए भी प्रति व्यक्ति 2000 रुपये की योजना शुरू की है। हमारे रहते कोई अपने को अनाथ न समझे।
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मकर संक्रांति पर यह अच्छा आयोजन: उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति जैसे पावन अवसर पर इससे अच्छा आयोजन संभव नहीं था। उन्होंने सभी नवदंपतियों को उनकी भावी जिंदगी के लिए शुभकामनाएं दी। धनबाद व झारखंड वासियों को मकर संक्रांति के त्योहार की भी शुभकामनाएं दी।