कोल कर्मियों के वीआरएस स्कीम के खिलाफ श्रम संगठन गंभीर
कोल कर्मचारियों के वीआरएस स्कीम और आर्थिक सुधार के फैसलों के खिलाफ मजदूर संगठन अब सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं। देश के दस बड़े मजदूर संगठन के अलावा इसके सहायक श्रम संगठन लामबंद होकर एक बार फिर से आंदोलन का मन बनाने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोल कर्मचारियों के वीआरएस स्कीम और आर्थिक सुधार के फैसलों के खिलाफ मजदूर संगठन अब सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं। देश के दस बड़े मजदूर संगठन के अलावा इसके सहायक श्रम संगठन लामबंद होकर एक बार फिर से आंदोलन का मन बनाने लगे हैं। इसे लेकर इंटक, एटक, सीटू, एअआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआइआइसीटूयू, एलपीएफ, यूटीयूसी के नेताओं ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने के लिए कहा है। आदेश वापस न होन पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। भारतीय मजदूर संघ की पब्लिक सेक्टर को लेकर बनी कोआर्डिनेशन कमेटी व चेन्नई में 11 से 13 फरवरी तक होने वाली भारतीय मजदूर संघ केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस पर गंभीरता से विचार गया। इसमें कोल, डिफेंस, रेलवे, पोस्टल, बैंकिग, इंश्योरेंस, स्टील, मैरीन और टेलीकॉम, पॉवर, डिफेंस प्रोडक्शन, हैवी इंजीनियरिग, ऑयल एंड गैस, एफसीआई, एविएशन, केमिकल आदि पब्लिक सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग में केंद्र की ओर से आक्रामक तरीके से विभिन्न सेक्टर में विभिन्न नामों से चल रही निजीकरण की कोशिशों को लेकर नाराजगी जताई गई। इस दौरान तय हुआ कि मजदूर संगठन पूरी एकजुटता के साथ देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू करेगा। इंटक, एचएमएस, सीटू व एटक के संयुक्त आंदोलन के साथ-साथ अन्य संगठनों ने भी अलग से आंदोलन की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। कामर्शियल माइनिंग के खिलाफ सारे यूनियन कोयला मंत्री को घेरने की तैयारी में है। कोल इंडिया प्रबंधन के एकतरफा निर्णय के खिलाफ पूरी एकजुटता के साथ आंदोलन करने के लिए जल्द ही संयुक्त मोर्चा की बैठक में रणनीति तैयार की जाएगी।