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Indian Railways: रेलवे सरेंडर करने जा रही 13450 पद; ईसीआर में 400 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा

तकरीबन डेढ़ साल से कोरोना की मार झेलने के बीच जान जोखिम में डालकर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों को मंत्रालय ने तगड़ा झटका दे दिया है। रेल मंत्रालय ने 13450 पदों को सरेंडर करने का फरमान जारी कर दिया है।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 03:56 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 04:11 PM (IST)
सभी जोन को लिस्ट तैयार करने संबंधी पत्र भी जारी कर दिया है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन : तकरीबन डेढ़ साल से कोरोना की मार झेलने के बीच जान जोखिम में डालकर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों को मंत्रालय ने तगड़ा झटका दे दिया है। रेल मंत्रालय ने 13450 पदों को सरेंडर करने का फरमान जारी कर दिया है।

रेलवे बोर्ड ने इस मामले में सभी जोन को लिस्ट तैयार करने संबंधी पत्र भी जारी कर दिया है। बोर्ड के इस फैसले का असर पूर्व मध्य रेल पर भी पड़ेगा। जोन में 400 से अधिक पदों को सरेंडर किया जा सकता है। रेल मंत्रालय के इस फैसले से कर्मचारियों में काफी उबाल है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

 यूनियन अध्यक्ष डीके पांडे ने कहा कि एक तरफ जब कोरोना महामारी से चारों ओर हाहाकार मचा है और रेलवे के एक लाख से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हैं। दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर ऐसे कर्मचारी हैं जिन्होंने रेलवे की सेवा के दौरान ही अपनी जान गवाई है। उन्हें फ्रंट लाइन कर्मचारी की श्रेणी में शामिल करना तो दूर उल्टा रेलवे अब हजारों पदों को सरेंडर करने की तैयारी कर रही है। यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की स्टैंडिंग कमेटी की 26 मई को हुई बैठक में इस मामले को जोर-शोर से उठाया गया है।

सभी जोन के यूनियनों ने सरकार के इस निर्णय पर घोर आपत्ति जताई है और तत्काल इस मामले में रेलवे बोर्ड चेयरमैन के समक्ष विरोध दर्ज कराने का फैसला लिया है। यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने बताया कि 20 मई को रेल मंत्रालय ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। यूनियन फेडरेशन के गाइडलाइन का इंतजार कर रही है। जरूरत पड़ी तो धारदार आंदोलन होगा।


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