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मुगमा-थापरनगर रेल लाइन के किनारे भू-धंसान के अध्ययन को ले ईसीएल गंभीर नहीं

हावड़ा- नई दिल्ली ग्रैंड कोड लाइन के नीचे मुगमा-थापरनगर स्टेशन के बीच 8 जून 2020 को हुई भू-धंसान के बाद भी ईसीएल प्रबंधन गंभीर नहीं दिख रही है। घटना के नौ माह बाद भी इसका वैज्ञानिक अध्ययन कागजों में ही सिमट कर रह गया है। इस मामले को लेकर गुरुवार को डीजीएमएस डायरेक्टर एमडी मिश्रा ने ईसीएल मुगमा एरिया जीएम बीसी सिंह के साथ बैठक की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 06:10 AM (IST)
मुगमा-थापरनगर रेल लाइन के किनारे भू-धंसान के अध्ययन को ले ईसीएल गंभीर नहीं

जागरण संवाददाता, धनबाद : हावड़ा- नई दिल्ली ग्रैंड कोड लाइन के नीचे मुगमा-थापरनगर स्टेशन के बीच 8 जून 2020 को हुई भू-धंसान के बाद भी ईसीएल प्रबंधन गंभीर नहीं दिख रही है। घटना के नौ माह बाद भी इसका वैज्ञानिक अध्ययन कागजों में ही सिमट कर रह गया है। इस मामले को लेकर गुरुवार को डीजीएमएस डायरेक्टर एमडी मिश्रा ने ईसीएल मुगमा एरिया जीएम बीसी सिंह के साथ बैठक की। मिश्रा ने कहा कि जून में ही भू-धंसान की स्थिति को देखते हुए खान सुरक्षा महानिदेशालय ने इसकी वैज्ञानिक जांच कराने का दिशा-निर्देश ईसीएल प्रबंधन को दिया है। पुराने वर्क प्लान के अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि जहां कोयला खनन किया गया, वहां के कुछ स्थानों की भराई की गई। वहीं कुछ स्थानों को यू हीं खाली छोड़ दिया गया। कौन सा स्थल खाली है, वैज्ञानिक अध्ययन के बगैर इसका पता नहीं चल सकता है। बैठक के दौरान मुगमा जीएम ने बताया कि आइआइटी आइएसएम, आईआईटी खड़कपुर, बीएचयू , आरआइटी दुर्गापुर सहित कई संस्थानों ने अध्ययन में अपनी रुचि दिखाई थी। हालंाकि अभी तक अध्ययन शुरू नहीं हो पाया। डीजीएमएस डायरेक्टर ने इसपर ऐतराज जताया। साथ ही कहा कि लगातार पत्राचार भी किया जा रहा है, इसके बाद भी प्रबंधन गंभीर नहीं है। रेल लाइन का मामला काफी गंभीर है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इधर, डीजीएमएस की ओर से ईसीएल सीएमडी पीएस मिश्रा को पत्र लिखकर जल्द इस पर कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया है। कोट : ईसीएल प्रबंधन को मुगमा थापरनगर रेल लाइन के नीचे भूमिगत खदान की स्थिति को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए फिर से दिशा-निर्देश जारी किया गया है। खदान के अंदर कई जगहों पर भराई न होने की स्थिति पर धंसान का खतरा है।

- एमडी मिश्रा, निदेशक, डीजीएमएस

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अध्ययन को लेकर कई संस्थानों से कोटेशन मांगा गया है। सिगल कोटेशन होने के कारण कागजी प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कतें आई थी। कई संस्थानों ने अब रूची दिखाई है, जल्द ही फाइनल ऑडर जारी किया जाएगा। ईसीएल प्रंबधन इसको लेकर गंभीर है। - बीसी सिंह, जीएम, मुगमा


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