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हाथियों के झुंड ने रात भर टुंडी के मनियाडीह में मचाया उत्पात, कच्चे मकानों और फसलों को नुकसान

शनिवार देर रात जीतपुर पंचायत के पारसबनी गांव में 25 जंगली हाथियों के झुंड ने सबसे पहले धर्मेंद्र महतो और बिलसी महताईन के घर पर अचानक धावा बोल दिया। घर को तोड़ते हुए घर के सारे अनाज खा गए। इसके बाद द्वारिका महतो के घर में प्रवेश किया।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 11:09 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 11:13 AM (IST)
हाथी हमले में क्षतिग्रस्त मकान को दिखाता ग्रामीण ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, टुंडी। पश्चिमी टुंडी मनियाडीह थाना क्षेत्र के पहाड़ तलहटी पर बसे गांवों में जंगली हाथियों के झुंड का उत्पात जारी है। शनिवार की देर रात 25 हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। कई कच्चे मकानों को तोड़ दिया। घर में रखे अनाज खा गए। हाथियों के झुंड ने लगभग एक एकड़ में लगी मकई फसल को खाया एवं पैरों तले राैंद डाला। हाथियों के भय से गांव के लोग जान बचाकर भागे और गांव के मुहाने पर जमा होकर हल्ला किया जिससे आसपास के ग्रामीण जुटे और काफी मसक्कत के बाद हाथियों के झुंड को गांव से बाहर पहाड़ में चढ़ाने में सफल हुए।

खाने से ज्यादा फसलों को राैंद कर पहुंचाया नुकसान

शनिवार देर रात जीतपुर पंचायत के पारसबनी गांव में 25 जंगली हाथियों के झुंड ने सबसे पहले धर्मेंद्र महतो, बिलसी महताईन के घर में अचानक धावा बोल दिया। जहां घर को तोड़ते हुए घर के सारे अनाज चट कर गए। इस क्रम में द्वारिका महतो के दरवाजा तोड़ते हुए अनाज को खाया। इसके बाद प्रफुल्ल सिंह चौधरी के चाहरदीवारी को तोड़ डाला। इस दौरान हाथियों के झुंड सुकदेव महतो के मकई की फसल के खेतों में धावा बोल दिया। जितना खाए नहीं उससे ज्यादा फसल को नुकसान पहुंचाया। हाथियों के हमले से गांव के लोग उधर-ऊधर भागने लगे। गांव में अरफातरफी मच गई।

झुंड में घिरे महिला को दिया सुरक्षित रास्ता

ग्रामीणों के अनुसार पारसबनी गांव के चमेली नामक महिला हाथियों के झुंड के चपेट में जा घिरी। किन्तु आश्चर्यजनक रूप से हाथियों के झुंड स्वतः किनारे होते हुए उसे रास्ता दे दिया। हाथियों की झुंड आने की खबर टुंडी उप प्रमुख भवानी देवी ने टुंडी वन विभाग को दी। सूचना पाकर आधी रात 14 मशालचियों का झुंड पारसबनी गांव पहुंचे एवं हाथियों को पहाड़ी तलहटी से उपर भगाया। अहले सुबह टुंडी वन विभाग की टीम पारसबनी गांव पहुंची जहां समाजसेवी मंगल प्रसाद महतो, आजसू नेता काली चरण महतो आदि ने सभी प्रभावित परिवारों की क्षतिपूर्ति का जायजा लिया। इधर इसकी सूचना मिलने पर गिरिडीह लोक सभा क्षेत्र के पूर्व सांसद रवीन्द्र कुमार पाण्डेय ने जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी से दूरभाष पर बात करते हुए नाराजगी जाहिर की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा की जिस क्षेत्र में जंगली हाथी ठहरते हैं उस किलोमीटर दायरे में मशालचियों के टीम को रखा जाय जिससे हाथियों के आने की खबर पर मशालचियों के टीम तुरंत कुच कर सके एवं लोगों को नुकसान न हो।

प्रसव के लिए यहां आती हथिनी

टुंडी इलाके में पिछले दो माह से हाथियों का झुंड ठहरे हुए है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ग्रामीणों के नुकसान एवं जवाबदेही के प्रति कोई मतलब नहीं रखता है। हमेशा हाथियों का झुंड आबादी क्षेत्र में आ धमकता है। वन अधिकारी कभी इलाके में झांकने तक नहीं आते हैं। नाम मात्र का मुआवजा देकर निश्चित हो जाते हैं। टुंडी इलाके में पिछले 10 वर्षों से प्रतिवर्ष जंगली हाथियों के झुंड का आवाजाही लगभग बनी हुई है। वन विभाग की माने तो इस झुंड में कई  गर्भवती हथिनी हैं जो इस इलाके को प्रसव के लिए सुरक्षित ठिकाना मानते हैं।  खासकर टुंडी पहाड़ का डोगांपानी जहां अक्सर हथिनी बच्चा देती है जिस कारण हाथियों का झुंड अभी और कुछ दिन ठहर सकते हैं।


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