भूमिगत आग वाले डीसी रेललाइन के दोनों वैकल्पिक रेल मार्गों को बजट में मिले एक-एक हजार
भूमिगत आग वाले धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के वैकल्पिक मार्ग के लिए अभी और इंतजार करना होगा। रेलवे की फाइल में डीसी लाइन के लिए प्रस्तावित दोनों विकल्प जिंदा हैं। पर इस बार भी प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फंड के नाम पर महज खानापूर्ति ही हुई है।
तापस बनर्जी, धनबाद : भूमिगत आग वाले धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के वैकल्पिक मार्ग के लिए अभी और इंतजार करना होगा। रेलवे की फाइल में डीसी लाइन के लिए प्रस्तावित दोनों विकल्प जिंदा हैं। पर इस बार भी प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फंड के नाम पर महज खानापूर्ति ही हुई है। धनबाद से टुंडू-निचितपुर होकर 25.81 किमी लंबी रेल लाइन के लिए स्वीकृत लागत 628 करोड़ रुपये है। धनबाद से तेतुलमारी, निचितपुर व मतारी होकर 43.8 किमी नई रेल लाइन की लागत 438 करोड़ रुपये है। दोनों प्रोजेक्ट के लिए इस बजट में एक-एक हजार मिले हैं। रेलवे के जानकार बताते हैं कि परियोजना बंद न हो और उसे चालू रखा जाए। इसके लिए न्यूनतम राशि की स्वीकृति दी जाती है।
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के भूमिगत आग की जद में आने पर रेलवे ने डीसी लाइन के विकल्प के तौर पर धनबाद से मतारी-गोमो होकर नई लाइन बिछाने की योजना बनाई थी। राइट्स ने सर्वे पूरी कर रेल मंत्रालय को रिपोर्ट भी सौंपी। रिपोर्ट में दर्शाया गया कि धनबाद से मतारी तक समानांतर रेल लाइन पर ट्रेन चलेगी। मतारी से तेलो तक अंग्रेजी के वाई आकार की रेल लाइन बिछेगी, जिससे गोमो में प्रवेश किए बगैर ही ट्रेनें तेलो और वहां से चंद्रपुरा की ओर चली जाएंगी। इसे स्थायी विकल्प माना गया था। बाद में निचितपुर से टुंडू होकर नई रेल लाइन बिछाने की योजना बनी। निचितपुर से टुंडू के बीच बंद भूमिगत खदान के ऊपर रेल लाइन बिछाने की अनुमति नहीं मिली और योजना पर ब्रेक लग गया।
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धनबाद रेल मंडल की इन परियोजनाओं के लिए मिले फंड
- हावड़ा-नई दिल्ली के बीच 160 से 200 के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने को धनबाद मंडल को मिले 200 करोड़
- गिरिडीह-कोडरमा 102.5 किमी रेल लाइन के लिए 181 करोड़
- कोडरमा-रांची 189 किमी रेल लाइन के लिए 63 करोड़ 86 लाख
- कोडरमा-तिलैया 38 किमी रेल लाइन के लिए मिले 296 करोड़