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कोरोना निकलने नहीं देता, पानी घर बैठने नहीं देता

संवाद सहयोगी कतरास जमुनिया नदी सूखने के कारण 12 दिनों से कतरास बाजार तथा आसपास के इलाक

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 02:26 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 02:26 AM (IST)
कोरोना निकलने नहीं देता, पानी घर बैठने नहीं देता

संवाद सहयोगी, कतरास: जमुनिया नदी सूखने के कारण 12 दिनों से कतरास बाजार तथा आसपास के इलाकों में पानी की घोर किल्लत हो गई है। कतरास शहर केकरीब 40 हजार लोग कतरी नदी सहित आसपास के कुआं, चापाकल पर निर्भर हैं। जहां ये सुविधा भी नहीं है, वहां के लोग खरीद कर पानी पी रहे। पीएचईडी विभाग के अधिकारियों का मानें तो बारिश होने के बाद जब नदी में पानी का जमाव होगा तो इसके बाद ही जलापूर्ति चालू हो सकेगी। फिलहाल आधी आबादी के समक्ष पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। वार्ड संख्या एक और तीन की करीब 35 हजार की आबादी पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है।

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कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप, गर्मी तथा रमजान में पानी की समस्या से लोग त्रस्त हैं। 12 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक पीएचईडी या नगर निगम द्वारा जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है। जमुनिया से दो अलग-अलग जलमीनार से जलापूर्ति की व्यवस्था की जाती थी। श्यामडीह जलमीनार से कतरास बाजार, राजबाड़ी रोड, शिक्षक कॉलोनी, मस्जिद पट्टी, सलेक्टेड गोविदपुर, रामपूजन नगर, कलाली फाटक, कुम्हारटोली, गुहीबांध बस्ती, सलानपुर, चौहान पट्टी, थाना चौक, कतरास बाजार कालेज के समीप से के कतरास बाजार, लाला टोला, पोस्ट ऑफिस गली, हजारी बस्ती, बढ़ई बस्ती, टंडा बस्ती, दिलावर नगर आदि मोहल्लों में जलापूर्ति होती थी। फिलहाल जलापूर्ति कैसे हो इसके लिए लोग बरसात के लिये आसमान की ओर नजरे गड़ाए हुए हैं।

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जमुनिया जलापूर्ति योजना का पानी सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग के पास है लेकिन जलकर वसूली नगर निगम के जिम्मे है। ऐसे में उपभोक्ता का कितना ख्याल रखा जाएगा यह तो भगवान ही जानते हैं। जब से पानी बंद हुआ है खरीद कर उपयोग कर रहा हूं।

---सुधीर सिंह, कतरास

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पानी के बंद होते ही हमलोग कतरी नदी का सहारा ले लिए हैं। पीने का पानी के साथ महिलाओं के उपयोग के लिए खरीदना पड़ता है। कतरास कोयलांचल में पानी की इतनी समस्या है कि पैसा देने के बाद भी सुलभता से पानी नहीं मिलता है। विभाग के लोग कभी भी सुध नहीं लेते हैं।

---आदित खान, गुहीबांध

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कोरोना का कहर, रमजान का महीना तथा ऊपर से गर्मी का मौसम सबको एकसाथ झेल रहे हैं। अभी करीब 40 हजार लोगों के बीच पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसी भी अधिकारी या फिर जनप्रतिनिधियों ने अब तक सुध नहीं लिया है।

---- विक्रम रवानी, गुहीबांध


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