शिलान्यास के डेढ़ वर्ष बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं
संवाद सहयोगी करौं (देवघर) किसी भी गांव या शहर के विकास के लिए सुलभ यातयात साधन होना क
संवाद सहयोगी, करौं (देवघर): किसी भी गांव या शहर के विकास के लिए सुलभ यातयात साधन होना काफी अहम कड़ी माना जाता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र की विकास की बुनियाद भी अच्छी सड़क से जुड़ी होती है, लेकिन प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी दूर स्थित सांसद आदर्श पंचायत डिडाकोली के प्रतापपुर गांव (यादव टोला) की स्थिति को देख विकास के दावों की कलई खुल जाती है।
गांव जाने के लिए आज भी पक्की सड़क नहीं है। ग्रामीणों के लिए पक्की सड़क सपना ही है। सड़क का निर्माण नहीं होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। गांव जाने के लिए पगडंडीनुमा सड़क है। बारिश होने के बाद इस सड़क पर चलना परेशानी का सबब बन जाता है। जिस पर जान जोखिम में डालकर आवागमन करना होता है।
गोड्डा के भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने 2 मार्च 2019 को गर्ल्स हाइ स्कूल से प्रतापपुर तीनों टोला तक पथ का शिलान्यास किया था। इस सड़क का निर्माण ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य मामले) राज्य संपोषित योजनान्तर्गत स्वीकृत किया गया। सड़क की लंबाई 3.10 किमी व लागत 3.25 करोड़ है, लेकिन शिलान्यास के डेढ़ साल गुजर जाने के बाद सड़क का निर्माण नहीं हुआ। जिस कारण ग्रामीणों में निराशा व्याप्त है। 20 अगस्त को जिला में आयोजित दिशा की बैठक में सांसद ने इस सड़क निर्माण की चर्चा किया। अब देखना है कि सड़क का निर्माण कब शुरू होगा।
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समय पर इलाज नहीं होने से दो लोगों की हो चुकी है मौत
पक्की सड़क नहीं रहने के कारण बीमार लोगों को इलाज कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाने में परेशानी होती है। बरसात के दिनों में स्थिति बहुत खराब हो जाती है। समय पर इलाज नहीं होने के कारण अबतक दो लोगों की जानें जा चुकी है। बावजूद किसी ने सड़क निर्माण को लेकर सुधि नहीं ली। विनोद राणा, परिमल यादव, विष्णुकांत यादव, छोटेलाल यादव, वासुदेव रवानी, किशोर चौधरी, नारायण तूरी, कीर्तन तूरी सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का शिलान्यास होने के बाद उम्मीद जगी थी कि अब उनकी समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन डेढ़ वर्ष के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। अब तो ग्रामीणों के बीच मायूसी छा गई है। सड़क की समस्या को दूर करने की दिशा में जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की ओर से किसी तरह की पहल नहीं की गई है। इस वजह से यहां के लोग बदहाल जीवन गुजारने को विवश हैं। आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्रामीणों कहना है कि केवल चिढ़ाने के लिए सड़क का शिलान्यास भी कर दिया गया है।