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    गोलगप्पा व सब्जी बेचने वाले की बेटियों ने मारी बाजी

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Wed, 31 May 2017 11:49 AM (IST)

    इनके जज्बे पर समाज को फक्र है। तीनों लड़कियों के पिता की आमदनी काफी कम है।

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    गोलगप्पा व सब्जी बेचने वाले की बेटियों ने मारी बाजी

    जागरण संवाददाता, बोकारो। झारखंड अधिविद्य परिषद् रांची की मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में बोकारो की बेटियों ने परचम लहराया है। मैट्रिक की परीक्षा में गोलगप्पा व सब्जी बेचने वाले की बेटियों ने सफलता प्राप्त कर दिखा दिया कि सफलता किसी का मुहताज नहीं होता।

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    कठिन परिश्रम की बदौलत राजकीयकृत उच्च विद्यालय लकड़ाखंदा में अध्ययनरत सुलेखा, रूही एवं अंशु ने परिवार व समाज का नाम रोशन किया है, बल्कि उनके जज्बे पर समाज को फक्र है। तीनों लड़कियों के पिता की आमदनी काफी कम है। परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से होता है। लेकिन आगे बढ़ने की जिद ने उन्हें सफलता की राह दिखाई।

    गोलगप्पा बेचने वाली की बेटी को गणित में सौ फीसद अंक:

    सुलेखा के पिता रामजी साव ठेला लगा कर गोलगप्पा बेचते हैं। माता चमेली देवी गृहिणी हैं। उसने मैट्रिक  की परीक्षा में 86.8 फीसद अंक हासिल किया है। उसे गणित में 100 में 100 अंक मिले हैं। सुलेखा इंजीनियर बन कर देश की सेवा करना चाहती है। वह कहती हैं कि भले ही सफलता की राह में कई बाधाएं हैं, लेकिन वह चुनौतियों का सामना करते हुए मंजिल को हासिल करेगी।

    सब्जी बेचने वाली की बेटी पास हुई प्रथम श्रेणी से:

    रूही के पिता इसके पिता मनोज साव दुंदीबाद बाजार में सब्जी बेचते हैं। माता रिंकू देवी गृहणी हैं। उसने मैट्रिक की परीक्षा में 77.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर परिवार का नाम रोशन किया है। वह बैंक मैनेजर बनना चाहती है।

    इंजीनियर बनना चाहती है अंशु:

    अंशु ने मैट्रिक की परीक्षा में 79.4 फीसद अंक प्राप्त किया है। इसे गणित में सौ में सौ अंक मिले हैं। उनके पिता वीरेंद्र भगत इलेक्ट्रिशियन हैं। माता कुंती देवी गृहिणी हैं। वह इंजीनियर बनना चाहती है। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं शिक्षक को दिया है।

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