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यूडायस प्लस एंट्री से 56 निजी विद्यालयों ने मोड़ा मुंह

बोकारो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के सचिव ने जिले के सभी सरकारी ए

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:16 PM (IST)
यूडायस प्लस एंट्री से 56 निजी विद्यालयों ने मोड़ा मुंह

बोकारो : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के सचिव ने जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों को 15 जून तक यूनिफायड डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन, यूडायस प्लस से संबंधित एंट्री का काम पूरा करने का निर्देश दिया था। शिक्षा विभाग के जिला एवं प्रखंड अधिकारियों के बार-बार निर्देश के बावजूद निजी विद्यालयों ने यूडायस प्लस की एंट्री नहीं की। निजी विद्यालय प्रबंधन विभागीय आदेश को अंगूठा दिखा रहे हैं। ऐसे में, इन पर शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई तय मानी जा रही है।

- विभागीय कार्रवाई होनी तय

जिला शिक्षा अधीक्षक रेणुका तिग्गा ने कहा कि जिले के 56 निजी विद्यालयों ने अब तक यूडायस प्लस से संबंधित एंट्री नहीं की है। इन्हें अंतिम अवसर दिया जा रहा है। 16 जून से निजी विद्यालय प्रबंधन यूडायस प्लस एंट्री का काम शुरू नहीं करेंगे तो इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डायमंड इंग्लिश एकेडमी, शिशु निकेतन नीचे बाजार भोजूडीह, किड्स कैंपस पब्लिक स्कूल, डिनोब्ली स्कूल चंद्रपुरा, लाल बहादुर शास्त्री प्राइमरी स्कूल तारमी, क्रैंब्रिज इंग्लिश मीडियम स्कूल दुग्दा, सुमित्रा पब्लिक स्कूल,

स्वामी सहजानंद ग‌र्ल्स हाई स्कूल चास, ग्रीन लैंड पब्लिक स्कूल, टेंडर टच इंटरनेशनल स्कूल, इंडियन पब्लिक स्कूल, डिवाइन पब्लिक स्कूल, सिवनडीह आजाद उर्दू मिडिल स्कूल, सूर्या पब्लिक स्कूल, सर्वेादय मिडिल स्कूल, मदरसा गौसिया फैजूल इस्लाम, मदरसा अहले सुन्नत इमाम अहमद रजा, होली पब्लिक स्कूल, शिशु सदन, टीके पब्लिक स्कूल, मॉडर्न पब्लिक स्कूल होसिर, मदरसा हबीबिया रजविया गोमिया, डीपीएस प्ले स्कूल गोमिया, गुडविल मिशन स्कूल सपाहीटांड़ सहित 56 विद्यालयों ने यूडायस प्लस एंट्री से संबंधित कार्य शुरू नहीं किया है।

क्या है यूडायस प्लस

यू डायस प्लस, एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली भारत सरकार की ओर से विकसित शिक्षा से संबंधित सूचना संकलन की विकसित प्रणाली है। इसमें राज्य के सभी सरकारी व निजी प्राथमिक, हाई एवं प्लस टू विद्यालयों में हर प्रकार की शैक्षिक सूचना को संकलित कर कंप्यूटरीकृत डेटाबेस तैयार किया जाता है। इसके माध्यम से विद्यालयों की प्रगति की निगरानी एवं विश्लेषण करना आसान होगा।


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