जम्मू-कश्मीरः महबूबा मुफ्ती जेल में पर ढूंढे नहीं मिल रहा उन्हें 'लाडला' भाई तस्सदुक मुफ्ती
Mehbooba Mufti and Tasaduq Mufti. जून 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार भंग होने के बाद से तस्सदुक मुफ्ती मात्र तीन से चार बार ही कश्मीर में देखे गए।
श्रीनगर, नवीन नवाज। जिस भाई को मंत्री बनाने और संगठन में एक बड़ा ओहदा देने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पुराने वफादारों को नाराज कर दिया था, अब वही भाई महबूबा को खोजे नहीं मिल रहा। पीडीपी अध्यक्ष को सरकार ने ऐहतियातन हिरासत में रखा गया और भाई हजारों मील दूर मुंबई की फिल्मी दुनिया की चकाचौंध में खोया है। इससे रुष्ट महबूबा मुफ्ती ने अपनी मां- बहन को भी अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया है। वह चाहती हैं कि भाई यहां आकर उनकी उनुपस्थिति में पार्टी की जिम्मेदारियां निभाए।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती का भाई तस्सदुक मुफ्ती मुंबई में सिनेमाटोग्राफर है। मुफ्ती सईद के निधन के बाद घर में विरासत की कलह टालने के लिए महबूबा ने भाई को पहले राज्य विधानसभा में एमएलसी बनाया और फिर पर्यटन मंत्री। इसके साथ ही संगठन में उसकी भूमिका बढ़ाई। गठबंधन सरकार में तस्सदुक मुफ्ती के इशारे मात्र से ही काम हो जाते थे। तदस्सुक के बेवजह के दखल के कारण महबूबा को संगठन के वरिष्ठ लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी, सहयोगी भाजपा के साथ भी कई बार टकराव की स्थिति आ गई थी।
जून 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार भंग होने के बाद से तस्सदुक मात्र तीन से चार बार ही कश्मीर में देखे गए। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर की राज्य के पुनर्गठन के फैसले के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर महबूबा समेत करीब 1500 राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पीडीपी के लगभग सभी नेता हिरासत में या नजरबंद हैं। इससे पीडीपी की सियासी गतिविधियां लगभग ठप हैं। उसका कैडर अपने लिए अन्य ठिकाने तलाश रहा है। ऐसे हालात में सभी को उम्मीद थी कि तस्सदुक पीडीपी को किसी तरह संभालेंगे। वह कश्मीर से बाहर रहकर भी विभिन्न माध्यमों के जरिए अपने कैडर व नेताओं से संपर्क में रह सकते थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उसने अब तक महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात का प्रयास नहीं किया।
महबूबा को चश्माशाही स्थित सरकारी अतिथि गृह में रखा गया है। वहां तैनात एक अधिकारी ने कहा कि तस्सदुक ने बहन से मिलने की काेई अनुमति नहीं मांगी है। महबूबा से सिर्फ उनकी एक बेटी और गत वीरवार को उनकी मां और बहन रुबिया सईद ने ही मुलाकात की है। उन्होंने दावा किया कि महबूबा ने कथित तौर पर भाई से फोन पर संपर्क का प्रयास किया था। लेकिन बात हुई थी या नहीं, इसकी काेई जानकारी नहीं। अलबत्ता, अभी उन्हें टेलीफोन सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह विशेष परिस्थितियों में ही दी जाती है। उन्हें यह सुविधा करीब दस दिन पहले प्रदान की गई थी।
नाराज महबूबा ने मां गुलशन मुफ्ती और बहन रुबिया नाराजगी जा दी है। महबूबा ने कहा था कि यह वक्त मायानगरी में बैठने का नहीं, कश्मीर में सक्रिय रहने का है। पिता की विरासत को बचाने में उसे अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अलबत्ता, उनकी मां और बहन से जब इस संदर्भ में संपर्क करने का प्रयास किया गया तो सुरक्षाकर्मियों ने अनुमति नहीं दी।
इस बीच, श्रीनगर में डलगेट स्थित एक होटल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रह रहे पीडीपी से जुड़े एक पूर्व सरपंच ने कहा कि इस समय तस्सदुक मुफ्ती को यहां होना चाहिए था लेकिन वह कहां है, किसी को पता नहीं है। ऐसा लग रहा है कि उसे किसी से कोई सरोकार नहीं है।
डॉक्टर और मजिस्ट्रेट हैं तैनात
चश्मा शाही स्थित सरकारी अतिथि गृह में बंद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और हरि निवास में बंद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को प्रशासन द्वारा एक-एक डाक्टर और एक-एक मजिस्ट्रेट उपल्बध कराया गया है। इन अधिकारियों को तीन से चार दिन बाद बदल दिया जाता है। अगर किसी तरह की आवश्यक्ता हो ताे मजिस्ट्रेट के जरिए ही यह लोग अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाते हैं। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के स्वास्थ की डाक्टर द्वारा नियमित जांच की जाती है।
दो घंटे पसीना बहाते हैं उमर
हरि निवास में बंद नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला रोजाना सुबह दो घंटे कसरत करते हैं। वह 10 बजे हरि निवास के लॉन में लगभग दो घंटे तक दौड़ते हुए चक्कर लगाते हैं। दौड़ लगाने के बाद वह कभी कभार ही अपने कमरे से बाहर आते हैं। उनके लिए रोजाना उनके घर से पका खाना आता है।