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97 किमी पहाड़ काटकर बनाई जा रही कटड़ा-बनिहाल रेलवे लाइन

राज्य ब्यूरो श्रीनगर कटड़ा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन रेलवे लाइन में स

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 01:04 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 06:42 AM (IST)
97 किमी पहाड़ काटकर बनाई जा रही कटड़ा-बनिहाल रेलवे लाइन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कटड़ा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन रेलवे लाइन में से 97 किलोमीटर रेलवे लाइन पहाड़ों को काटकर बनाई गई है, जो विभिन्न सुरंगों से गुजरेगी। सिर्फ 14 किलोमीटर ही सुरंगों से बाहर रेल लाइन होगी। यह जानकारी शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम द्वारा ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) पर जारी काम की समीक्षा के लिए बुलाई गई एपेक्स कमेटी में अधिकारियों ने दी है।

अधिकारियों द्वारा काम में रुकावट संबंधी मुद्दों को उठाए जाने पर मुख्य सचिव ने रामबन और रियासी में जिला समितियां बनाने का निर्देश दिया। इन समितियों में रामबन और रियासी के जिला उपायुक्तों, जिला एसएसपी व राजस्व अधिकारियों के अलावा इरकॉन और केआरसीएल के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। दोनों समितियां अपने कार्याधिकार क्षेत्र में काम की प्रगति की साप्ताहिक निगरानी और समीक्षा करेंगी।

नागरिक सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना में सिर्फ कटड़ा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर लिंक ही शेष रह गया है। इस परियोजना में कटड़ा-बनिहाल सेक्शन ही सबसे ज्यादा कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला है। इस पूरे क्षेत्र में 111 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन में सिर्फ 14 किलोमीटर रेलवे लाइन ही भूतल है, जबकि शेष 97 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पहाड़ काटकर बनाई गई सुरंगों में है। इन सुरंगों के साथ किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 67 किलोमीटर लंबी बचाव सुरंगें भी बनाई जानी हैं।

उन्होंने बताया कि 97 किलोमीटर लंबी सुरंगों में से 67 किलोमीटर बन चुकी हैं। इसके साथ ही 30 किलोमीटर लंबी बचाव सुरंगें भी तैयार हो चुकी हैं। काम तेजी से चल रहा है, लेकिन कई मामलों के शीघ्र समाधान के लिए राज्य सरकार के हस्तक्षेप एवं सहयोग की जरूरत है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि इन मामलों के त्वरित हल के लिए रेल प्रशासन प्रत्येक सोमवार को सुबह दस बजे उन्हें एक रिपोर्ट दे। इसमें दिक्कतों और हल को बताया जाए। इन मुद्दों पर पहले उन्हें प्रमुख सचिव गृह विभाग, आइजी जम्मू, मंडलायुक्त जम्मू और संबंधित जिलाधिकारियों व जिला एसएसपी से संपर्क करना होगा। इसके बाद ही वह राज्य सरकार को संबंधित मुद्दों के समाधान के संदर्भ में अपना आग्रह भेजें।


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