पांच दशक से जम्मू रेलवे स्टेशन काे विस्तार का इंतजार, तीन वर्ष पूर्व 188 करोड़ रुपये से स्टेशन के कायाकल्प की हुई थी घोषणाा
जम्मू स्टेशन के विस्तार की योजना को रेलवे बोर्ड ने तीन वर्ष पूर्व मंजूरी दी थी। इसके लिए जम्मू रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने के लिए 188 करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गई। लेकिन इस दिशा में कोई पहल अब तक शुरू होती नहीं दिख रही
जम्मू, दिनेश महाजन : देश के मॉडल रेलवे स्टेशनों में शामिल जम्मू स्टेशन के विस्तार की योजना को रेलवे बोर्ड ने तीन वर्ष पूर्व मार्च, 2018 को मंजूरी दी थी। इसके लिए जम्मू रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने के लिए 188 करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गई। लेकिन इस दिशा में कोई पहल अब तक शुरू होती नहीं दिख रही है। जम्मू रेलवे स्टेशन का विस्तार केवल घोषणा तक ही सीमित है। हाल में ही नार्दर्न रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने कामकाज संभालने के बाद जम्मू के पहले दौरे पर आए थे। उन्होंने एक बार फिर से जम्मू रेलवे के आधुनिकीकरण का काम शुरू करने की बात कही है।
करीब पांच दशक पहले जब जम्मू में पहली ट्रेनें आई थी, तभी से मात्र तीन ही प्लेटफार्म हैं। अभी हाल ही में नार्दर्न रेलवे के जीएम आशुतोष की घोषणा से एक बार से जम्मू रेलवे के कायाकल्प की आस जगी है। स्टेशन को विकसित करने के लिए जारी होने वाली राशि से स्टेशन का एक नया प्रवेशद्वार बनाना है, जो इंडियन ऑयल डिपो की ओर जाने वाले मार्ग पर बनाया जाना है। इसके अलावा छह नए प्लेटफार्म तैयार किए जाने की योजना है। पुराने रेलवे स्टेशन को आपस में जोड़ने के लिए भूमिगत टनल बनाने की भी बात कही गई थी। लेकिन सब कुछ अभी भविष्य के गर्त में दिख रहा है।
गोदाम को बड़ी ब्राह्मणा में करना है शिफ्ट :
जम्मू रेलवे स्टेशन के विस्तार का काम कब शुरू होगा, यह फिलहाल पहेली बना हुआ है। रेलवे स्टेशन में बने माल गोदाम को सिक लाइन से हटाकर बड़ी ब्राह्मणा रेलवे स्टेशन के पास शिफ्ट करने की योजना है, लेकिन इस पर भी काम नहीं शुरू हो पाया। दूसरे राज्यों से आने वाले खाद्य पदार्थ और सीमेंट जम्मू रेलवे स्टेशन पर बने गोदाम में रखे जाते हैं, लेकिन जब रेलवे स्टेशन का विस्तार होगा और नए प्लेटफार्म बनाए जाएंगे तो गोदाम के लिए जगह नहीं बचेगी। इसलिए उसे शिफ्ट करने की योजना थी।
1970 में पहली रेलगाड़ी जम्मू रेलवे स्टेशन पर आई थी :
जम्मू रेलवे स्टेशन पर पहेली रेलगाड़ी वर्ष 1970 में आई थी। उस समय जम्मू रेलवे स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म बनाए गए थे। दो वाशिंग लाइन थी। लेकिन अब दर्जनों ट्रेनें देश के विभिन्न राज्यों से आते हैं, लेकिन प्लेटफार्म की संख्या अभी भी तीन ही हैं और वाशिंग लाइन भी दो ही। इसके चले ट्रेनों का समय से परिचालन मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर ट्रेनों को आउटर एक घंटा तक भी रोकना पड़ जाता है। बता दें कि शुरुआत में जम्मू रेलवे स्टेशन पर दो ही ट्रेनें आती थीं। अब रोजाना 40 के करीब ट्रेनें आती और जाती हैं।