भारत सीमा पर एकतरफा संघर्ष विराम करे
रमजान के पवित्र महीने को देखते हुए भारत सीमा पर एकतरफा संघर्ष विराम करे ताकि यह संदेश जाए कि भारत युद्ध नहीं चाहता।
जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने को देखते हुए भारत सीमा पर एकतरफा संघर्ष विराम करे ताकि यह संदेश जाए कि भारत युद्ध नहीं चाहता। नेकां के वरिष्ठ नेता हरबंस सिंह की ओर से आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में फारूक ने कहा कि युद्ध के हालात किसी सूरत में नहीं बनने चाहिए।
जम्मू-कश्मीर को युद्ध बर्बाद करके रख देगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी वर्ष 2003 में जब सीमा पर तनाव था तो उस समय वाजपेयी ने संघर्ष विराम का एलान किया था। वाजपेयी लाहौर गए। पाक के साथ बातचीत की और सीमा पर संघर्ष विराम लागू किया। मैं दोनों देशों भारत व पाक से अपील करता हूं कि रमजान शरीफ का महीना आ रहा है। दोनों देश आपस में मिल बैठ कर बातचीत करे और संघर्ष विराम का समझौता करे।
प्रधानमंत्री के साथ कुछ दिन पहले हुई मुलाकात पर फारूक ने कहा कि मैं सारी बातें सार्वजनिक नहीं कर सकता, लेकिन इतना कहता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री को बता दिया है कि कश्मीर में सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति का मामला नहीं है। समाधान के लिए राजनीतिक प्रयास जरूरी है।
कुछ समय पहले संसदीय दल कश्मीर दौरे पर आया था। इससे पूर्व वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। कश्मीर में हालात को ठीक करने के लिए राजनीतिक प्रयास करने ही होंगे।
यह भी पढ़ें: तबाही मचाने आ रहा हिज्ब का आतंकी गिरफ्तार
यह भी पढ़ें: जम्मू आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक रोप वे की सैर कर सकेंगे