अंतिम संस्कार से किया मना तो...एक गर्भवती महिला की मौत होने के बाद अजीब स्थिति बन गई
अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत होने के बाद अजीब स्थिति बन गई। गर्भ में बच्चा होने के कारण महिला को शमशान घाट से वापस ले आए कि हिंदू धर्म में बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं होता।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में सुबह एक गर्भवती महिला की मौत होने के बाद अजीब स्थिति बन गई। गर्भ में ही बच्चा होने के कारण पहले परिजन महिला को शमशान घाट से यह कह कर वापस ले आए कि हिंदू धर्म में बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं होता। इसके बाद अस्पताल में प्रदर्शन हुआ और पुलिस के समझाने के घंटों बाद शाम को महिला का अंतिम संस्कार हुआ।
उधर, परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप भी लगाया। मृत महिला की पहचान की पहचान बबिता पत्नी शंभू नाथ निवासी गांव मोहम्मदपुर तहसील एवं जिला पटना के रूप में हुई है। घटना एसएमजीएस अस्पताल सुबह ग्यारह बजे की है। 25 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा के बाद रविवार शाम को एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी पहले भी पांच साल की एक बच्ची है।
परिजनों का आरोप है कि गर्भवती का सही इलाज नहीं किया गया। सोमवार सुबह ग्यारह बजे बताया गया कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई है। महिला की हालत भी गंभीर थी। उसे बचाने के लिए प्रयास किए, लेकिन उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार करने के लिए शास्त्री नगर स्थित शमशान घाट में ले आए। यहां पर उन्हें यह कहा गया कि हिंदू धर्म के अनुसार अगर पेट में बच्चा हो तो महिला का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। इससे परिजन शव को वापस अस्पताल में ले आए। उन्होंने गर्भ से बच्चे को बाहर निकालने की मांग की। जब डॉक्टरों ने मना कर दिया तो परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया।
परिवार वालों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज सही नहीं हुआ। बच्चे की गर्भ में अगर मौत हो गई थी तो उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। महिला के पति शंभू नाथ का कहना है कि उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। उनकी पत्नी को बचाने के लिए भी डॉक्टरों ने कोई प्रयास नहीं किया। अब वह बच्चे को पोस्टमार्टम करके बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं। यह भी बात नहीं मानी जा रही। परिजनों ने काफी देर तक अस्पताल प्रागंण में प्रदर्शन किया। इसके बाद अस्पताल में डीएसपी तथा चौकी प्रभारी संजीवनी ज्योति मौके पर पहुंची और उन्होंने परिजनों को समझाया। परिजनों को आश्वासन दिया गया कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
महिला में खून की कमी थी
राजकीय मेडिकल कालेज की डॉ. सुनंदा रैना का कहना है कि महिला जब अस्पताल में भर्ती हुई थी, उसे खून की बहुत कमी थी। यह बात उसके परिजनों को भी बताई गई थी। उसे अन्य कई समस्याएं थीं। सुबह उसके परिजनों को भी कोई शिकायत नहीं थी लेकिन दोपहर बाद अचानक वह प्रदर्शन करने लगे।
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