जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर के सेंटर होटल में बनाई जेल में पूरा हो रहे निकाह, 10 दिन में हुई 200 शादियां
Article 35A जेल में निकाह। सुनने में अजीब लगता है। लेकिन श्रीनगर के सेंटर होटल में बनाई जेल में 10 दिन में 200 से ज्यादा निकाह हुए हैं।
श्रीनगर, नवीन नवाज। जेल में निकाह। सुनने में अजीब लगता है। लेकिन श्रीनगर के सेंटर होटल में बनाई जेल में 10 दिन में 200 से ज्यादा निकाह हुए हैं। हालांकि, दुल्हन यहां नहीं आती। सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के रिश्तेदार या फिर कभी दूल्हा भी आ जाता है।
गौरतलब है कि वर्तमान हालात में सेंटूर होटल को राज्य सरकार ने उप जेल का दर्जा दे रखा है, क्योंकि पांच अगस्त को एहतियातन हिरासत में लिए गए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को यहां रखा गया है। सेंटूर में पीपुल्स कांफ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री मौलाना इमरान रजा अंसारी भी बंद हैं। वह शिया समुदाय के बड़े मजहबी नेता हैं। उनके मुरीदों की तादाद हजारों में हैं। अंसारी के जेल में बंद होने के कारण कई लोगों ने शादी को स्थगित कर दिया है। पर कुछ जेल में ही निकाहनामे पर हस्ताक्षर के लिए पहुंचते रहे।
मुहर्रम शुरू होने से पूर्व वह शनिवार शाम तक निकाहनामों पर वह हस्ताक्षर करते रहे। अब मुहर्रम के कारण शिया समुदाय में करीब एक माह तक शादियां नहीं होंगी।
रविवार सुबह सेंटूर के गेट पर मौलाना इमरान रजा अंसारी से मिलने आए ताहिर मिर्जा ने कहा कि मैं अपनी बहन की शादी की तारीख के बारे में मौलाना साहब से पूछने आया हूं। हम शादी को करीब एक माह तक स्थगित कर रहे हैं। मुहर्रम का महीना बीतने के बाद ही अब शादी होगी। हमने पहले 11 अगस्त को शादी की तारीख रखी थी। मौलाना साहब को हिरासत में लिए जाने की खबर पर हमने इसे स्थगित कर दिया।
गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि शनिवार को मौलाना साहब से मिलने और उनके पास निकाहनामे में हस्ताक्षर कराने वालों की भीड़ रही है। उसने कहा कि बीते 10 दिनों में करीब 200 निकाह मौलाना इमरान रजा अंसारी ने कराए हैं। लड़के-लड़की के रिश्तेदार होते हैं, निकाहनामा लेकर आते हैं। अंसारी इन पर हस्ताक्षर करते हैं और निकाह पूरा होता है।
अलबत्ता, इन सभी लोगों को मुलाकात के लिए संबंधित प्रशासन से अनुमति लेनी होती है। कई बार हम 20-22 निकाहनामा एक साथ ही लेकर मौलवी साहब तक गए हैं।अंसारी के सिवा अन्य से नहीं पूरी कराते।
रस्महांजीवीरा पट्टन से आए शब्बीर हुसैन राथर ने कहा कि मेरे भाई फिदा की शादी है। हमने सारी रस्में पूरी कर ली हैं। सिर्फ निकाहनामे की रस्म शेष बची है। निकाहनामा पर अंसारी साहब के दस्तखत चाहिएं। इसके बाद ही हम दुल्हन की रुखसती अपने घर करा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी रिवायत है कि हम मौलवी साहब के अलावा किसी अन्य से निकाह की रस्मों को पूरा नहीं करा सकते।मजहबी नेता और मौलवी भी हैं अंसारीश्रीनगर के जड्डीबल से आए अख्तर ने कहा कि हमारे इलाके में करीब 22 शादियां स्थगित हुई हैं। अंसारी के बिना हमारे घरों में शादी की रस्में नहीं हो सकती। जिन लोगों के निकाहनामों पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए हैं, उनका निकाह मुकम्मल है। अब मुहर्रम भी शुरू हो गया है।