Article 370 मामले में SC में पेश हुए लेक्चरर का निलंबन रद्द, 25 अगस्त को हुए थे सस्पेंड; जानें पूरा मामला
Jammu News जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए लेक्चरर का निलंबन रद्द कर दिया है। श्रीनगर में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवाहर नगर में राजनीति विज्ञान के शिक्षक जहूर अहमद भट को 25 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था। एक दिन पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित मामले में अदालत में दलील दी थी।
जम्मू, एजेंसी: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार को एक लेक्चरर का निलंबन रद्द कर दिया है। इन्हें संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ एक पक्ष के रूप में उच्चतम न्यायालय में पेश होने के कुछ दिनों बाद उनके पद से हटा दिया गया था।
25 अगस्त को कर दिया गया था निलंबित
श्रीनगर में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जवाहर नगर में राजनीति विज्ञान के शिक्षक, जहूर अहमद भट को 25 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर सीएसआर और जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों (आचरण) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए यहां निदेशक स्कूल शिक्षा के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया।
इससे एक दिन पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित मामले में व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता के रूप में शीर्ष अदालत में दलील दी थी। जो पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को एक विशेष दर्जा देता था और केंद्र द्वारा 5 अगस्त को रद्द कर दिया गया था।
कार्मिक अधिकारी स्कूल शिक्षा निदेशालय ने दी जानकारी
विकास धर भगती कार्मिक अधिकारी स्कूल शिक्षा निदेशालय, जम्मू ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "25 अगस्त के आदेश संख्या 251-जेके को वापस लेने के परिणामस्वरूप जहूर अहमद भट वरिष्ठ व्याख्याता राजनीति विज्ञान को आज कार्यालय से मुक्त कर दिया गया है।"
आदेश में भट्ट को आगे की ड्यूटी के लिए अपने मूल तैनाती स्थान पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भट्ट के निलंबन के मुद्दे पर गौर करने को कहा था।
अदालत के समक्ष बहस करने वाले को निलंबित कर दिया जाता है- पीठ
जैसे ही अदालत ने अपनी सुनवाई फिर से शुरू की वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत के समक्ष दलील देने के बाद भट्ट को जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा उनकी नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। पीठ ने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस अदालत के समक्ष बहस करने वाले को निलंबित कर दिया जाता है।