जम्मू, जागरण संवाददाता। अक्सर कट्टरपंथियों, आतंकियों और पाकिस्तान की बात करने वालीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इन दिनों बदली-बदली नजर आ रही हैं। उन्हें जम्मू संभाग के डोगरा समुदाय और प्रदेश में रहने वाले हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की चिंता सता रही है। तीन दिन पहले वह मुस्लिम बहुल पुंछ में स्थित नवग्रह मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करतीं नजर आईं।

इससे चंद रोज पहले उन्होंने जम्मू में ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर बाजार का दौरा कर स्थानीय कारोबारियों की समस्याओं को उठाया। इसके अलावा भी वह कई जगह जम्मू के आर्थिक-सामाजिक हितों की बात करती नजर आ रही हैं। पहली बार उन्हें कश्मीर और मुस्लिम केंद्रित सियासत से आगे बढ़ते हुए देखा जा रहा है। इसपर पीडीपी का कहना है कि महबूबा कश्मीरी, डोगरा, हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सबके हितों की चिंता करती हैं। वहीं, सियासत पर नजर रखने वाले इसे सीधे वोटों की सियासत से जोड़ रहे हैं।

बदली-बदली नजर आ रहीं है महबूबा

जम्मू कश्मीर की सियासत पर पकड़ रखने वालों के लिए ही नहीं, आमजन के लिए भी महबूबा के रवैये में यह बदलाव हैरान करने वाला है। उन्होंने पहले कभी जम्मू संभाग में किसी मंदिर का दौरा किया हो या जलाभिषेक किया हो, यह किसी को याद नहीं है। कश्मीर में वह मां क्षीर भवानी के मंदिर गई हैं, लेकिन वहां वह श्रद्धालुओं से बातचीत तक या मेला प्रबंधों की समीक्षा तक सीमित रहती थीं।

महबूबा ने बीते माह जम्मू के विभिन्न कारोबारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने रघुनाथ बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की और उनकी बात को सुना ही नहीं बल्कि अगले दिन उसके आधार पर प्रदेश व केंद्र सरकार को लताड़ा भी।उन्होंने ऐतिहासिक रघुनाथ बाजार के सौंदर्यीकरण कार्य पर भी बात की, यह परियोजना पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के दौर में शुरू हुई थी।

बीजेपी के दावे पर बोली महबूबा

अपने राजौरी-पुंछ के हालिया दौरे और उसके बाद गत वीरवार को जम्मू में पार्टी नेताओं की एक बैठक में महबूबा ने कहा कि भाजपा बेशक दावा करती है कि अगला मुख्यमंत्री जम्मू संभाग से होगा, डोगरा होगा, लेकिन जिस तरह से यहां बाहर से लोगों को बसाया जा रहा है, उससे अगला मुख्यमंत्री जम्मू का हिंदू-मुस्लिम या सिख नहीं बल्कि किसी अन्य राज्य से आकर जम्मू बसने वाला ही होगा।

वह खुलेआम कह रही हैं कि स्थानीय अधिकारियों को प्रशासन में किनारे लगाया जा रहा है। वह यहां तक कहती हैं कि केंद्र सरकार चाहती तो जम्मू संभाग के किसी योग्य नागरिक को, डोगरा समुदाय के किसी प्रतिष्ठित नागरिक को प्रदेश का उप राज्यपाल बना सकती थी। वह संपत्ति कर की भी बात करती हैं।

वोट के लिए मंदिर जा रहीं मुफ्ती

राजनीतिक मामलों के जानकार एडवोकेट अजात जम्वाल ने कहा कि महबूबा का जम्मू प्रेम और मंदिरों में जाना सीधे वोटों की सियासत है। महबूबा इसलिए जम्मू संभाग के लोगों विशेषकर हिंदुओं के साथ खुद को जोड़ने का प्रयास कर रही हैं, क्योंकि इस समय अतिक्रमण हटाओ अभियान, संपत्ति कर और सरकारी नौकरी की परीक्षा जैसे मुद्दे चल रहे हैं।

उन्होंने जलाभिषेक के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं को अपने काम से काम रखने की ताकीद कर यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह सभी धर्मों की इज्जत करती हैं। वह जम्मू संभाग में अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करना चाहती हैं।

जम्मू के हितों की बात करती हैं महबूबा

पीडीपी नेता फिरदौस अहमद टाक ने कहा कि महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की बात करती हैं। अगर उनके लिए वोट की सियासत अहमियत होती तो वह रघुनाथ मंदिर या पुंछ में शिव मंदिर में जाकर कट्टरपंथियों को नाराज नहीं करतीं। उन्हें सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों के आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक हितों की चिंता हैं।

Edited By: Swati Singh