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Jammu Kashmir: नई शिक्षा नीति से प्रतिभा में आएगा निखार, अंकों की होड़ पर लगेगा अंकुश

साइंस कालेज के प्रो. जगजीत सिंह का कहना है कि नई शिक्षा नीति से कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। मौजूदा समय में कौशल विकास की जरूरत है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 30 Jul 2020 01:33 PM (IST)
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Jammu Kashmir: नई शिक्षा नीति से प्रतिभा में आएगा निखार, अंकों की होड़ पर लगेगा अंकुश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। नई शिक्षा नीति से प्रतिभा में निखार आएगा और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। अंकों की होड़ पर अंकुश लगेगा और काबलियत से विद्यार्थी की परख की जाएगी। पांचवी कक्षा तक अनिवार्य रूप से मातृभाषा में शिक्षा देने तथा आठवीं और उसके पश्चात उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा देने को बढ़ावा देने का प्रावधान शामिल होना सराहनीय कदम है।

यह विचार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के शिक्षाविदों के है। जम्मू विवि के बाटनी विभाग के प्रो. यशपाल शर्मा का कहना है कि देश में 34 साल के बाद नई शिक्षा नीति अमल में आ रही है। नई शिक्षा नीति में अंकों की होड़ पर अंकुश लगेगा। यह जरूरी नहीं है और पहले भी नहीं था जो 95 प्रतिशत से अधिक अंक लेता है तो वह काबिल होता है। औसतन अंक लेने वालों ने भी देश का नाम ऊंचा किया है। नई शिक्षा नीति में आन लाइन प्राणाली को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाना बहुत ही अच्छे कदम है।

जम्मू विश्वविद्यालय शैक्षिक संघ के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार तलूर ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत केंद्रित होने के साथ-साथ 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षार्थी को वैश्विक नागरिक बनाने की अवधारणा पर आधारित है। पांचवी कक्षा तक अनिवार्य रूप से मातृभाषा में शिक्षा देने तथा यथासंभव आठवीं और उसके पश्चात उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा देने को बढ़ावा देने का प्रावधान स्वागत योग्य कदम है। शिक्षा नीति में बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टि से मस्तिष्क के बड़े अंश विकास 6 वर्ष की उम्र तक हो जाता है। शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच के लिए जन्म पृष्ठभूमि और लिंग के अवसर पर समान अवसर उपलब्ध करवाना व्यक्ति और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है इसे शिक्षा नीति ने ठीक प्रकार उठाया गया है।

जम्मू विवि के प्रो. जसपाल सिंह ने शिक्षा को अलग-अलग खंडों में बांट कर देखना उचित नहीं है। प्रसन्नता का विषय है कि शिक्षा नीति कला, विज्ञान, शैक्षणिक सहशैक्षणिक, अकादमिक और व्यवसायिक शिक्षा में विभेद समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए गुणवत्तापरक शिक्षक प्रशिक्षण की महत्ता को रेखांकित करते हुए एकीकृत बीएड डिग्री पाठ्यक्रम की व्यवस्था की गई है। पारदर्शी आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की व्यवस्था, शिक्षकों की गरिमा को पुनः बहाल करने तथा शैक्षिक प्रशासन में भागीदारी की व्यवस्था सराहनीय है। शिक्षा नीति में भारतीय जीवन मूल्यों, परंपराओं और भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर पाठ्यक्रम में इनका समावेश एक समर्थ,गौरवशाली, आत्मनिर्भर भारत बनाने में निश्चय ही प्रमुख भूमिका निभाएगा।

साइंस कालेज के प्रो. जगजीत सिंह का कहना है कि नई शिक्षा नीति से कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा। मौजूदा समय में कौशल विकास की जरूरत है। यह एक ऐसी व्यापक नीति है जिसमें हर चीज का ध्यान रखा गया है। पांचवीं तक क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने का कदम स्वागत योग्य है।