तबाही मचाने आ रहा हिज्ब का आतंकी गिरफ्तार
भारत में प्रवेश की कोशिश करते समय गिरफ्तार हुए पाकिस्तान के गुजरात निवासी आतंकी नासिर कश्मीर में तबाही मचाने के इरादे से आया था।
महराजगंज, [जागरण संवाददाता] । नेपाल की सोनौली सीमा से सटे पगडंडी के रास्ते से शनिवार शाम भारत में प्रवेश की कोशिश करते समय गिरफ्तार हुए पाकिस्तान के गुजरात निवासी आतंकी नासिर कश्मीर में तबाही मचाने के इरादे से आया था। आंतकी सैयद सलाउद्दीन का खास नासिर हिजबुल मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य है। उसे कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और कश्मीरी युवाओं को पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) भेजकर प्रशिक्षण दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
नासिर की गोरखपुर पहुंच कर ट्रेन से जम्मू जाने की योजना थी। उसके साथ दुबई से काठमांडू आया एक अन्य साथी फरीद बट्ट नेपाल में ही छिपा है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, उसकी दूसरे बार्डर से भारत में प्रवेश की योजना है। इसे देखते हुए सीमा पर अलर्ट घोषित कर दिया है।
महराजगंज के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि पकड़ा गया नासिर अहमद डोलीगांव, बनिहाल, जिला रामबन, कश्मीर का मूल निवासी है। वह 2002 में गांव के 16 अन्य लोगों के साथ गाइड इकबाल चौधरी की मदद से पीओके के मुजफ्फराबाद गया था। मार्च 2003 में हिजबुल के बटालियन कमांडर नाजीब अहमद के संपर्क में आया। इससे पहले वह जिला कमांडर मुहम्मद शरीफ बट का गनमैन था। 2003 में वह एसटीएफ कैंप पर हमला करने वाली टीम का मेंबर भी था।
2002 में शाहबांग में आर्मी के साथ मुठभेड़ में उसे दो गोली लगी थी लेकिन वहां से भाग गया। नवंबर 2003 से 2004 में पाकिस्तान के अटक में इसने हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया। 2006 तक हिजबुल के कैंप में रहा। फिर 2009 तक पाक के घड़ी हमीबुल्लाह जिला मानसेरा के हिजबुल के कैंप कार्यालय का संचालन किया। 2013 में नासिर के मामा फरीद खान ने हिजबुल के सदस्य राशिद से संपर्क कराया। फिर आइएसआइ ने नासिर को पकड़ लिया लेकिन अगस्त 2016 में छोड़ दिया। सलीम नाम के एजेंट ने नासिर का टिकट, पासपोर्ट और वीजा बनवाया। नासिर ने एजेंट को टिकट और पासपोर्ट बनवाने के लिए 80 हजार दिये थे। आतंकी के कब्जे से 90 रुपये पाकिस्तानी करेंसी, 290 नेपाली रुपये और 2000 भारतीय रुपये बरामद हुए हैं।
नेपाल में छिपा है नासिर का साथी फरीद बट्ट, सीमा पर अलर्ट
2002 में सोलह साथियों के साथ मुजफ्फराबाद गया था पाकिस्तान के लाला मूसा तहसील खेरिया जिला गुजरात की लड़की आशा नईम से नासिर ने शादी की है। उसके दो बेटे मुबासर (छह वर्ष) और शब्बीर अहमद उम्र (पांच वर्ष) है। वह 2009 में आर्मी पोस्ट आनंद तहसील मेनधार जिला राजौरी भारत में बिना हथियार के आत्मसमर्पण करने आया था लेकिन इंडियन आर्मी ने कहा था कि हथियार के साथ समर्पण होगा। फिर वह पाकिस्तान वापस चला गया।
कड़ी सुरक्षा में जेल पहुंचाया
अदालत के न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश के बाद नासिर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जेल पहुंचाया गया। उसे हार्ड क्रिमिनल बैरक में रखा गया है। जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वहां पीएसी तैनात कर दी गई है।
ससुराल के पते से बना नसीर का पाकिस्तानी पासपोर्ट
एटीएस के मुताबिक, नासिर का पासपोर्ट पाकिस्तान में ही बना है। उसका पासपोर्ट उसके ससुराल के पते पर बना है। नासिर के साथ पाकिस्तान से एक और व्यक्ति आया है। ये सब फैसलाबाद से शारजाह पहुंचे थे और वहां से काठमांडू आए।
दरअसल, यह फेरीवाले के वेश में घुसपैठ करने की योजना बनाए था।पुलिस अधीक्षक कार्यालय महराजगंज में आतंकी नासिर ने बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाउद्दीन ने उसे कश्मीर को आजाद कराने के लिए भारत भेजा है।
मीडिया से बातचीत के दौरान नासिर ने कहा कि वह एके 47 सहित सभी अत्याधुनिक हथियार चलाना जानता है। आइएसआइ के सहयोग से हिजबुल मुजाहिद्दीन द्वारा हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।न्यायिक हिरासत में भेजा
आतंकवादी नासिर को पुलिस ने
शाम चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एडीजी कानून व्यवस्था के निर्देश पर नासिर के मामले में विवेचना एटीएस को सौंपी है।
ट्रेन में बैठाने वाला था गोरखपुर का राशिद
नासिर को ट्रेन से गोरखपुर से जम्मू भेजने की योजना गोरखपुर निवासी राशिद द्वारा बनाई थी। राशिद आतंकी नासिर से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर मिलता। राशिद गोरखपुर में कहां का रहने वाला है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
यह भी पढ़ें: कश्मीर के हालात पर टिकी अमरनाथ यात्रा
यह भी पढ़ें: जम्मू आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक रोप वे की सैर कर सकेंगे