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माकपा नेबिक्रम चौक से आरएसपुरा तक छोटी ट्रेन चलाने का किया विरोध

संवाद सहयोगी मीरां साहिब जब से सरकार ने जम्मू में बिक्रम चौक से आरएसपुरा तक ट्राम या छो

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 05:17 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 05:17 AM (IST)
माकपा नेबिक्रम चौक से आरएसपुरा तक छोटी ट्रेन चलाने का किया विरोध

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : जब से सरकार ने जम्मू में बिक्रम चौक से आरएसपुरा तक ट्राम या छोटी ट्रेन चलाने के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश दिया है, सियालकोट रेल ट्रैक पर बसे लोग आए दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन को अब राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को शहीद भगत सिंह कालोनी गांव में मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की बैठक में स्टेट कमेटी मेंबर कामरेड किशोर शर्मा ने सरकार की इस योजना का विरोध किया। उनका कहना था कि भारत-पाक विभाजन के बाद बड़ी संख्या में लोग गुलाम कश्मीर से आरएसपुरा और मीरां साहिब से गुजरने वाले पुराने सियालकोट रेलमार्ग पर बसाए गए। चूंकि यह ट्रेन बंद हो गई थी, इसलिए यहां बसे लोगों ने बाद में अपनी बस्तियां बसा ली, जिसे अब रेल पटरी बस्ती कहा जाता है। करीब सत्तर साल बाद अब सरकार इस पुराने रेलमार्ग पर छोटी ट्रेन चलाने की योजना लेकर आई है, जिसके रेल ट्रैक का अब कहीं नामोनिशान नहीं है। रेलवे स्टशेन, ट्रेन गुजरने के लिए बनाए गए पुल आदि का आज पता ही नहीं है। ऐसे में सब कुछ नए सिरे से बनाना होगा। जाहिर है यह बहुत महंगी योजना साबित होगी। इसके बावजूद सरकार इस योजना के लिए पुराने रेलमार्ग की भूमि पर बसाए गए लोगों को हटाना चाहती है। यह कोई समझदारी की बात नहीं है। ऐसा लगता है सरकार ने बिना सोचे-समझे इस योजना को शुरू करने का एलान कर दिया। इस मौके पर बैठक में सुरेश चौधरी रिटायर सुंदर, बाबा राम,तिलक राज, सुभाष डोगरा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दीपक कुमार, रमेश लाल आदि सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। अहंकार की वजह से अपनी गलती नहीं मान रही सरकार

माकपा नेता किशोर शर्मा ने कहा कि पिछले छह दिन से रेलवे पटरी बस्ती में रहने वाले गुलाम कश्मीर से आए हुए लोग छोटी ट्रेन चलाने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपने अहंकार के चलते उनकी बात नहीं सुन रही है। सरकार को जनता का सामना करना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि उससे गलती हुई है। यदि सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो आम लोगों के इस आंदोलन को अब माकपा भी अपना पूरा सहयोग देगी। वह पिछले 70 साल से अपने परिवार के साथ रेलवे पटरी बस्ती में रहने वालों को उजाड़ने नहीं देगी। सरकार तोड़े चुप्पी, जल्द निकाले नोटिफिकेशन

सीपीएम नेता किशोर शर्मा ने कहा कि दूसरा रास्ता यह है कि सरकार बिना देर किए एक नोटिफिकेशन निकालकर यह बताए कि यदि पुरानी रेलवे लाइन पर छोटी ट्रेन चलती है, तो रेलवे लाइन पर बसे लोगों के साथ पूरा इंसाफ होगा और उनका पुनर्वास व मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार को आंदोलन खत्म करवाने के लिए रास्ता निकालना चाहिए। यूं ही चुप्पी साधकर बैठ जाने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।


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