Jammu News: आतंक को शह देने वाले 57 अधिकारी-कर्मचारी दो वर्ष में किए गए बर्खास्त, डॉक्टर और पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल
सरकारी शासन में रहकर आतंकवादियों और अलगाववादियों के लिए काम करने वाले ऐसे 57 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर बीते दो सालों में गाज गिरी है। पकड़े जाने के बाद उन्हें उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। शासन-प्रशासन (Jammu Kashmir News) दोनों ने ऐसे व्हाइट कॉलर आतंकियों के बारे में सारी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। सरकारी तंत्र में छिपकर आतंकी व अलगाववादी इकोसिस्टम के लिए काम करने वाले 57 सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को प्रदेश प्रशासन बीते दो वर्ष में नौकरी से बाहर कर चुका है। इनमें प्रोफेसर, डॉक्टर और पुलिस में डीएसपी रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं।
‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों व अलगाववादियों की हो जांच-प्रशासन
सेवामुक्त किए जाने वालों में कट्टरपंथ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का नाती अनीस उल इस्लाम और हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के तीन बेटे भी शामिल हैं। प्रदेश प्रशासन ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशासन में छिपे ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों व अलगाववादियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दे रखा है।
राष्ट्रविरोधी तत्वों के समर्थन में जुलूस निकालने संबंधी कई मामले दर्ज
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) के नेतृत्व में प्रदेश प्रशासन विभिन्न सरकारी विभागों में छिपे आतंकियों व अलगाववादियों के समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहा है। कई सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में आतंकियों व अलगाववादियों के मदद करने, राष्ट्रविरोधी तत्वों के समर्थन में जुलूस निकालने संबंधी विभिन्न मामले दर्ज हैं।
इन सभी के बारे में पूरी गहनता से जांच की जा रही है और सभी संबंधित खुफिया एजेंसियों से इनकी गतिविधियों के बारे में सभी आवश्यक साक्ष्य भी जमा किए जा रहे हैं। प्रदेश प्रशासन का टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप इन सभी के मामलों का लगातार आकलन करता है और उसके बाद वह इनके खिलाफ आवश्यकतानुसार कार्रवाई की अनुशंसा करता है।
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आठ कश्मीर विश्वविद्यालय से संबंधित
इसके बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के प्रविधानों के आधार पर उपराज्यपाल इन्हें सेवामुक्त करने का आदेश जारी करते हैं।अधिकारी ने बताया कि बीते दो वर्ष में प्रदेश प्रशासन ऐसे 57 अधिकारियों व कर्मियों को सेवामुक्त कर चुका है। इनमें 21 का संबंध शिक्षा विभाग से है। इनमें आठ कश्मीर विश्वविद्यालय से संबंधित हैं और 13 स्कूल व उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित हैं।
11 पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर किया गया सेवा से मुक्त
सेवामुक्त किए गए कश्मीर विश्वविद्यालय से संबंधित अधिकारियों व कर्मियों में एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एक विभागाध्यक्ष भी शामिल है। उन्होंने बताया कि सेवामुक्त किए सभी शिक्षाकर्मियों का संबंध प्रतिबंधित जमाते इस्लामी से भी रहा है। पुलिस विभाग में भी आतंकियों और अलगाववादियों की घुसपैठ रही है।
इसे देखते हुए 11 पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर सेवामुक्त किया गया है। इनमें एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में कार्यरत तीन डाक्टर भी आतंकियों और अलगाववादियों के साथ संबंध रखने व उनकी मदद करने में लिप्त पाए गए हैं, उन्हें भी सेवामुक्त किया गया है।
आतंकियों के साथ संबंधों के आधार पर पुलवामा जिले के रहने वाले नजीर अहमद वानी को नायब तहसीलदार पद से सेवामुक्त किया गया। राजस्व, जलशक्ति विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के 25 कर्मियों को आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के आधार पर सेवामुक्त किया गया है।
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