बद्दी में नकली दवाईयां बनाने वालों के उतराखंड से जुड़े तार, फैक्टरी को किया सील
नकली दवाईयां बनाने के आरोप में धरे गए तीनों आरोपितों को आज पुलिस रिमांड के तहत बद्दी लाया गया वहीं विभाग ने उस कंपनी को सील कर दिया है जिसमें इन दवाओं का निर्माण होता था। तीनों आरोपितों को उस उद्योग में लाया गया।
बद्दी,रणेश राणा। नकली दवाईयां बनाने के आरोप में धरे गए तीनों आरोपितों को आज पुलिस रिमांड के तहत बद्दी लाया गया, वहीं विभाग ने उस कंपनी को सील कर दिया है, जिसमें इन दवाओं का निर्माण होता था। तीनों आरोपितों को उस उद्योग में लाया गया, जहां से यह सारा गोरखधंधा संचालित होता था। ड्रग विभाग ने इस मामले में आगरा के मोहित बंसल, मध्य प्रदेश के विजय कौशल और यूपी के अतुल गुप्ता को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि नकली दवाईयां बनाने व बेचने के आरोप में पुलिस ने मोहित बंसल व उसके दो साथियों को हिरासत लेने में के बाद से कोर्ट से चार दिन के पुलिस रिमांड पर है। गुरूवार को उसी रिमांड के तहत पुलिस व प्रदेश ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाहा के नेतृत्व में एक टीम ने आरोपितों से नकली दवाईयां बनाने की शिनाख्त करवाई। आरोपित से पूछा कि वो कहां से कच्चा माल और कहां से उसकी पैकिंग मटीरियल ला रहा था।
इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी की 29 नंबर फैक्टरी दिन भर संगीनों के साए में रही
इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी की 29 नंबर फैक्टरी दिन भर संगीनों के साए में रही, जहां ड्रग के अलावा पुलिस की टीमें मुस्तैद रही। मोहित बसंल ने ड्रग विभाग व पुलिस को बताया कि उसने यह बंद पडा उद्योग किसी से खरीदा था और जिला उद्योग केंद्र से अपने नाम करवा लिया था। इसके बाद उसने यहां पर दवा निर्माण की मशीनों की खरीद फरोख्त का सिलसिला शुरू किया। मशीनें बेचते बेचते चार पांच माह पहले उसके मन में आया कि मशीनों में तो इतनी कमाई नहीं है, तो क्यों न नामी कंपनी सिपला, यूएसवी व अन्य कपंनियों की दवाएं बनाई जाए। दवाईयों को बनाने का जाल उसने इस तरह बनाया कि उसके पडोसियों तक को कानो कान खबर नहीं हुई कि उनके पड़ोस में नकली दवा का गोरखधंधा चल रहा है।
आगरा में था अपना होलसेल का व्यापार
मोहित बसंल को दो नंबर का नकली माल बेचने में इसलिए दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उत्तर प्रदेश के आगरा में उसका अपना होलसेल कैमिस्ट शाप था। वहां से अन्य दवाओं के साथ वो नकली माल भी बेच देता था। उसके इस कृत्य से आगरा के स्थानीय औषधि नियंत्रक ने वहां का मैडीकल स्टोर भी सील कर दिया।
सवा करोड से ज्यादा की दवा मिली : मरवाह
दो दिन तक चले व्यापक सर्च अभियान व गोदाम पर मिली भारी मात्रा दवाईयों की गिनती करने को आधा दर्जन से ज्यादा ड्रग इंस्पेक्टर प्रदेश ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाहा के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से डटे रहे। देर शाम तक तमाम नफरी करके कंपनी को स्थाई तौर पर सील कर दिया। प्रदेश दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने बताया कि यहां से लगभग सवा करोड की दवाईयां बरामद हुई है और एक एक गोली को हमने सीलबंद कर दिया है। इसके अलावा इस उद्योग को विभाग ने आगामी कार्यवाही तक सील कर इसकी संपूर्ण रिपोर्ट प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य सचिव को भेज दी है। कंपनी के अंदर रखी मशीनों को भी सील कर दिया है। कंपनी आगामी आदेशों तक पूरी तरह बंद रहेगी। उन्होने कहा कि पुलिस रिमांड में बहुत सारे तथ्य सामने आए है लेकिन अभी उसको सांझा नहीं किया जा सकता।
उतराखंड से जुडे हैं इस धंधे के तार
प्रदेश के तमाम उद्योग संगठनो ने इस पूरे मामले में नकली दवाईयों की पैकिंग व प्रिटिंग सामग्री छापने वालों पर शिंकजा कसने का आग्रह किया था। सूत्रों ने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित मोहित बंसल ने इस बात को स्वीकारा कि उसने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रैपर, प्रिटिंग व पैकेजिंग पड़ोसी राज्य उतराखंड से करवाई थी, ताकि किसी को शक न हो। उसने ऐसा इसलिए किया कि अगर वो यह पैकिंग बद्दी या चंडीगढ़ से करवाता तो भेद खुल सकता था। सूत्रों ने बताया कि पुलिस व ड्रग विभाग ने हनुमान मंदिर के नजदीक उद्योग को पूरी तरह सील करने के बाद आरोपितों से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा गिरफ्तारी का पहला मामला
गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अगर कोई दवा निर्माण में गलत कृत्य करता है, या नकली व नशीली दवा बनाता है, तो कोई भी ड्रग इंस्पेक्टर उसको गिरफ्तार कर सकता है। यह अधिकार मिलने के बाद हिमाचल के ड्रग इंस्पेक्टर लवली ठाकुर पहले ऐसे इंस्पेक्टर बन गए हैं, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर आरोपित मोहित बंसल व उनकी टीम को गिरफ्तार किया। उनकी टीम ने ऐसा काम करके पूरे भारत में पहला स्थान पाया है।
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