Himachal Pradesh News: वंदे भारत ट्रेन ने पकड़ी रफ्तार, हवाई कनेक्टिविटी का हो रहा विस्तार; हिमाचल रेजीमेंट का इंतजार
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में वंदे भारत ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी है। वहीं हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। राज्य के तीनों हवाई अड्डों का विस्तार हो रहा है जिसके तहत मंडी हवाई अड्डे के निर्माण का मामला 15वें वित्तायोग से उठाया गया है। ऊना से हमीरपुर तक रेल नेटवर्क स्थापित करने के लिए सर्वे का काम हुआ है।
जागरण संवाददाता, शिमला। Vande Bharat Train: राज्य के तीनों हवाई अड्डों का विस्तार हो रहा है, जिसके तहत मंडी हवाई अड्डे के निर्माण का मामला 15वें वित्तायोग से उठाया गया है। इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1000 करोड़ मांगें हैं, तो कांगड़ा हवाई अड्डा के विस्तार और भू-अधिग्रहण के लिए 400 करोड़ खर्च हो रहे हैं।
दो हजार करोड़ होंगे खर्च
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से तैयार किए गए मास्टर प्लान के अनुरूप कांगड़ा हवाई अड्डे में रनवे की लंबाई 1372 मीटर से बढ़ाकर 3010 मीटर करने का कार्य शुरू हो गया है। इस कार्य के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
शिमला जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डा का रनवे 1189 मीटर लंबा है और कुल्लू हवाई अड्डा 1128 मीटर लंबा है और यहां की पट्टियों का विस्तार कार्य भी हो रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य के जिला मुख्यालयों में हैलीपोर्ट निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
हमीरपुर तक रेल नेटवर्क का सर्वे
ऊना से हमीरपुर तक रेल नेटवर्क स्थापित करने के लिए सर्वे का काम हुआ है। इसी तरह का सर्वे पावंटा साहिब को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए सर्वे हुआ है। शिमला जिला के रामपुर तक रेल लाइन बिछाने का कार्य भी हुआ है।
भानुपली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन बिलासपुर में पहुंचने वाली है। इस रेल लाइन को मंडी होते हुए मनाली तक पहुंचाने का विचार है। पठानमोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन को ब्राड लाइन करके मनाली तक ले जाने की बात होती आ रही है।
रोजगार कार्यालयों में दर्ज बेरोजगार
प्रदेश के सभी जिला रोजगार, उप-रोजगार कार्यालयों में 877307 युवाओं के नाम दर्ज हैं। आमतौर पर राजनेता प्रदेश में कुल 12 लाख बेरोजगार होने की बात करते हैं। इसमें सरकारी नौकरी की आयु सीमा पार कर चुके लोगों को भी शामिल किया जाता है।
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प्रति वर्ष रोजगार कार्यालयों में 2.14 लाख से अधिक युवा नाम दर्ज करवाते हैं। यदि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की बात की जाए तो तीन हजार शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिलती है। निजी क्षेत्र में डेढ़ लाख हिमाचलियों को रोजगार प्राप्त होने का अपुष्ट आंकड़ा रहता है।