हिमाचल के भाजपा अध्यक्ष होंगे जेपी नड्डा
कांग्रेस के मुकाबले वाले राज्यों में उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश के लिए भी भाजपा रणनीति तय करने लगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के हाथ प्रदेश संगठन की कमान दी जाएगी
नई दिल्ली [आशुतोष झा]: पांच राज्यों में जीत के लिए भाजपा की कवायद तेज है, वहीं नजर उसके आगे भी पड़ चुकी है। सीधे कांग्रेस के मुकाबले वाले राज्यों में उत्तराखंड के बाद पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए भी रणनीति तय की जाने लगी है। विधानसभा चुनाव खत्म होते ही हिमाचल भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा, जिसे मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर देखा जाएगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वस्त और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के हाथ प्रदेश संगठन की कमान दी जाएगी।
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हालांकि, वह केंद्र में मंत्री भी बने रहेंगे। इससे पहले पंजाब में प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भेजे गए विजय सांपला भी केंद्र में राज्य मंत्री के रूप में बरकरार हैं। हिमाचल में इस साल के अंत तक संभवत: गुजरात के साथ चुनाव होने हैं। भाजपा अध्यक्ष खासतौर से उन राज्यों में हर कीमत पर सत्ता में वापसी चाहते हैं, जहां पहले पार्टी की सरकार रही है। उत्तराखंड और हिमाचल इसी सूची में हैं। यही कारण है कि शाह ने हिमाचल में पहले से ही अपने विश्वस्त राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा को माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति समझाकर भेजा था। शाह के फामरूले को आगे बढ़ाते हुए श्रीकांत ने सभी साढ़े सात हजार बूथों पर प्रबंधन के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम से तीन-तीन कार्यकर्ताओं को तैनात किया था।
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बूथ पर एक लाख से अधिक पन्ना प्रमुख भी नियुक्त कर दिए गए हैं। खुद शाह राज्य में एक बूथ सम्मेलन कर चुके हैं और दूसरा सम्मेलन अगले तीन-चार दिनों में करने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो का पूरा खाका तैयार है। इसी क्रम में नड्डा को उतारा जाएगा। हिमाचल में भाजपा के बड़े चेहरे रहे शांता कुमार और प्रेम सिंह धूमल उम्र के लिहाज से उस पड़ाव को पार कर चुके हैं या करने वाले हैं जिसे भाजपा सक्रिय राजनीति का मापदंड बनाना चाहती है। शांता कुमार 80 पार के हैं और धूमल 75 पर पहुंचने वाले हैं। नड्डा शाह और खुद प्रधानमंत्री के नजदीकी भी हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद वह लगातार चुनावी राज्यों का प्रभार भी संभालते रहे हैं। फिलहाल उन्हें उत्तराखंड का चुनाव प्रभारी बनाया गया है।