Shimla Budget 2020: राजनीतिक लाभ भूल बजट में दिखा टैक्स, आय बढ़ाने का ढूंढा स्रोत
Shimla Budget 2020 शिमला में टैक्स बढ़ाने की बात कर नगर निगम शिमला ने आय बढ़ाने का स्रोत ढूंढा है। नगर निगम ने पहली बार विभागीय चार्ज लेने का फैसला भी लिया है।
शिमला, जेएनएन। शहर में राजनीतिक लाभ को भूलकर अरसे के बाद नगर निगम शिमला में टैक्स बढ़ाने की बात हुई है। इससे भले ही शहर के लोगों को कुछ बुरा लगे, लेकिन करमुक्त बजट की आदी हो चुकी जनता को प्रशासन ने बताने की कोशिश की है कि आत्मनिर्भर बनना है तो समय आ गया है कि करमुक्त बजट को भूलना होगा। हाउस टैक्स से नगर निगम शिमला ने आय बढ़ाने का स्रोत ढूंढा है।
शहर के विकास के लिए शहर को चलाने वाली एजेंसी को आत्मनिर्भर बनाना होगा। यदि ऐसा न हुआ तो शहर को आने वाले समय में केंद्रीय अनुदान से लेकर अन्य तरह से प्रोजेक्टों से मिलने वाली राशि पर भी निर्भर रहना पड़ेगा। शहर में नगर निगम ने पहली बार विभागीय चार्ज लेने का फैसला लिया है। इससे आम जनता पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन निगम को सालाना तीन करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। सस्ती शराब से निगम को दोगुनी आय की उम्मीद है। निगम ने पिछले साल इससे 60 लाख की कमाई की, लेकिन इस बार एक करोड़ 20 लाख की कमाई का लक्ष्य रखा गया है।
मेयर ने भुला दी कुसुम की हर योजना
शहर की पूर्व मेयर कुसुम सदरेट की फ्री लैपटॉप से लेकर अस्पताल में खाना देने की योजना साल भर पूरी नहीं हो सकी, शहर के लोगों को उम्मीद थी कि इसका जिक्र सत्या कौंडल के पहले बजट में होगा। लेकिन कुसुम सदरेट की पूरी न हो सकी किसी भी योजना को नए बजट में शामिल नहीं किया। इससे साफ दिख रहा है कि सामने भले ही कोई गिला या शिकवा न करें, लेकिन अंदरूनी तौर पर भाजपा समर्थित पार्षदों की रार घटने की बजाय बढ़ रही है। बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। लोगों को वाहन पार्किंग की सुविधा देने के साथ पार्क भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा सड़कों को चौड़ा कर जाम की समस्या से निजात दिलाई जाएगी।
इसके अलावा ऑनलाइन भुगतान पर भी निगम छूट देगा। इसके अलावा हाउस टैक्स से होने वाली आय को शहर के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। बजट शहर के विकास को नई दिशा देगा। इसके दूरगामी परिणाम जल्द ही दिखेंगे।
शैलेंद्र चौहान, उपमहापौर नगर निगम शिमला।