टेक्नोमेक घोटाला: 6000 करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपित के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी
Indian Technomac Scam टेक्नोमेक घोटाले में मुख्य आरोपित प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा को रेड कॉर्नर नोटिस जारी विदेश में छिपे हाेने की संभावना।
शिमला, राज्य ब्यूरो। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के 6000 करोड़ के कर-कर्ज घोटाले के मुख्य आरोपित दिल्ली निवासी प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा को इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय पुलिस) ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। एडीजीपी सीआइडी अशोक तिवारी ने इसकी पुष्टि की है। घोटाले का मुख्य आरोपित कंपनी का प्रबंध निदेशक अरसे से विदेश भाग गया है। उसकी ताजा लोकेशन दुबई आई थी। अब उसकी विदेश में भी गिरफ्तारी हो सकेगी। हिमाचल की सीआइडी को सीबीआइ के माध्यम से सूचना मिली कि वह दुबई, लंदन, इंडोनेशिया, पेरू, दक्षिण अफ्रीका में कहीं छिपा हो सकता है।
अब तक की जांच के मुताबिक चेक बाउंस केस में आरोपित दुबई की जेल में भी रहा। इस घोटाले में सीआइडी अब तक 22 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कंपनी के कर्मचारियों के अलावा आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी, कर्मी शामिल हैं। 19 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है। इस पर अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी
इन्हें लगाई चपत
आरोप है कंपनी ने 17 बैंकों का कर्ज व ब्याज का ढाई हजार करोड़ डकारा है। आबकारी व कराधान विभाग को 2175 करोड़ रुपये व आयकर विभाग को 750 करोड़ रुपये का कंपनी ने चूना लगाया। कर्मचारी भविष्य निधि, बिजली बोर्ड, श्रम विभाग व अन्य विभागों को भी करोड़ों रुपये की चपत लगाई गई।
क्या है रेड कॉर्नर नोटिस
अगर भारत का कोई अपराधी या आरोपित विदेश में है और भारतीय एजेंसियां उसे वहां पकड़ नहीं सकती तो इंटरपोल आग्रह पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है। जिस देश में भी व्यक्ति हो, वहां की पुलिस उसका पता लगाती है। इसके बाद दो देशों की सरकारों के बीच पत्राचार होता है। अगर प्रत्यार्पण संधि हो तो वापस लाना आसान होता है अन्यथा दूसरे कानूनी रास्ते तलाशने पड़ते हैं।र्
ईडी भी कर रही जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कंपनी के मनी लांड्रिंग की अलग से जांच कर रही है। बैंक फ्रॉड मामले में हाल ही में आरोपित राकेश कुमार शर्मा, विनय कुमार शर्मा की 288 करोड़ की संपत्ति को अचैट किया है। ईडी मनी र्लांंड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर कंपनी की पांवटा स्थित संपत्ति की नीलामी करने की प्रक्रिया दोबारा आरंभ होगी।
क्या है मामला
आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट में 2014 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की गड़बड़ियों को पकड़ा। तीन साल तक यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। दो साल से हिमाचल हाईकोर्ट में नीलामी का केस चल रहा है। सीआइडी ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच की है।