हिमाचल: नशा तस्करों को संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मी फोर्स से किए जाएं बाहर, राज्यपाल ने क्यों दी सख्ती की सलाह?
शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि चिट्टे को खत्म करने के लिए समाज को एकजुट होना होगा। उन्होंने पुलिस से नशा तस्करों को संरक्षण देने वाले प ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि चिट्टे को समाप्त करने के लिए अंगुली दिखाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि समाज, सरकार, प्रशासन, पुलिस एवं परिवार को मुट्ठी बनकर चिट्टे पर चोट करनी होगी। उन्होंने पुलिस को इन मामलों में पहले संवेदनशीलता और फिर सख्ती बरतने को कहा।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारी भी चिट़्टे जैसी बुराई को चलाने वाले असामाजिक तत्वों को संरक्षण देर रहे है, ऐसे लोगों को पुलिस फोर्स से बाहर करने की जरूरत है।
राज्यपाल शुक्ल रविवार को शिमला में संजीवनी संस्था की ओर से चिट्टे पर चोट अभियान के तहत आयोजित प्रदेशस्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी के कहने पर शुरू किया था अभियान
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर उन्होंने प्रदेश में नशे के विरुद्ध अभियान शुरू किया था। नशे खासकर चिट्टे के विरुद्ध सरकार और विपक्ष ने एकजुटता दिखाई है वहीं स्वयंसेवी संस्थाएं भी लगातार अपने स्तर पर लोगों को जागरूक कर रही हैं। माता और पिता को भी बच्चों को अनुशासन सिखाना चाहिए। इस दौरान संजीवनी संस्था के अध्यक्ष महेंद्र धर्माणी, महासचिव नरेश शर्मा सहित संस्था के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
चिट्टे से बाहर निकलने के लिए परिवार का साथ जरूरी : डा. निधि
कार्यशाला में आइजीएमसी के मनोरोग विभाग से डा. निधि शर्मा ने कहा कि चिट्टे के नशे से बाहर निकलने के लिए परिवार का साथ बेहद जरूरी है। अभी तक जो भी लोग इससे बाहर निकले हैं, उनके परिवार ने भी बच्चों को पूरा सहयोग किया। अगर चिट्टे के नशे से बाहर निकलने वाले व्यक्ति के सामने कोई और नशा किया जाए तो वह दोबारा नशे में पड़ सकता है। चिट्टे से लिवर में काला पीलिया होता है। इससे दिमाग की नसों पर असर पड़ता है। इसके अलावा हार्ट एवं नसों के इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी होती हैं।

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