हिमाचल: पंचायत में मनरेगा कार्य में 14 दिन दिहाड़ी लगाने के बाद मिले मात्र 517 रुपये, गजब मामले पर क्या कहते हैं अधिकारी?
हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में मनरेगा मजदूरों को 14 दिन काम करने के बाद सिर्फ 517 रुपये मिले, जिससे उनमें गुस्सा है। मजदूरों ने पंचायत प्रधान से शिकायत ...और पढ़ें

पंचायत में मनरेगा कार्य का भुगतान न होने पर विवाद हो गया। प्रतीकात्मक फोटो
सहयोगी, डैहर (मंडी)। Himachal Pradesh News, विकास खंड सुंदरनगर की पंचायत बरोटी के भग्यातर गांव में मनरेगा कार्य में लगे 13 ग्रामीण मजदूरों को 14 दिन के मात्र 517 रुपये मजदूरी मिली। इससे ग्रामीणों में रोष है।
ग्रामीणों ने बताया कि रास्ता निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जब उनके बैंक खातों में मजदूरी आई तो मात्र 517 रुपये की राशि थी। जब मजदूरों ने पंचायत प्रधान और अन्य प्रतिनिधियों से पूछताछ की तो प्रधान ने कहा कि जितना कार्य किया गया है और एमवी हुई है उसी के अनुसार दिहाड़ी बनती है।
यह किस हिसाब से भुगतान किया
ग्रामीण मजदूर मोनिका, रीना देवी, मीरा देवी, रीता, भागा देवी, शीला, मीना देवी, सीता, जमना, बीना देवी, विद्या देवी, जीत राम और इंद्र राम ने बीडीओ और प्रशासन से इस मामले की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 14 दिन रोजगार के बदले केवल 517 रुपये किस हिसाब से दिए जा रहे हैं, यह मनरेगा योजना की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर न्याय न मिला तो वह कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
क्या बोले, पंचायत प्रधान
उधर, पंचायत प्रधान दमयंती देवी ने बताया कि जितना कार्य हुआ है, उसकी एमवी के अनुसार ही ग्रामीणों को पैसे मिले हैं। कार्य की प्रोग्रेस के अनुसार ही मजदूरी के पैसे मिलते हैं।
मामले की जांच होगी : बीडीओ
खंड विकास अधिकारी सुंदरनगर विवेक चौहान ने बताया कि मामले को लेकर वे पंचायत से जानकारी लेते हुए मामले की जांच करेंगे।
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