अगली सरकार को वित्तीय संकट पैदा कर रहे वीरभद
हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए 50 हजार करोड़ का कर्जा किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है जो आने वाले समय में प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप बनेगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश आर्थिक आपातकाल की ओर अग्रसर है। प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार जाते-जाते भी अगली सरकार के लिए वित्तीय संकट खड़ा करके जा रही है। हिमाचल सरकार की ऋण लेने की सीमाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं, लेकिन सरकार कर्जे लेने का सिलसिला जारी रखे हुए है। सीएजी द्वारा दिए निर्देशों को भी पार कर ऋण लेने का क्रम जारी है। हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए 50 हजार करोड़ का कर्जा किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है जो आने वाले समय में प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप बनेगा।
रविवार को जारी बयान में भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार 500 करोड़ रुपये का कर्जा ले रही है और यह नहीं बता रही कि यह कर्जा किस कार्य के लिए लियाजा रहा है। ऐसे में आने वाली सरकार के लिए वर्तमान सरकार का लिया यह कर्ज मुसीबत का सबब बन सकता है। वीरभद्र सिंह सरकार सभी सीमाएं लांघकर कर्जा ले रही है। कांग्रेस सरकार अपनी फिजूलखर्ची रोकने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। हिमाचल का विकास पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। हालात यह हो चुकी है कि प्रदेश में पैदा होने वाले बच्चे पर भी 60 हजार रुपये का कर्जा चढ़ चुका है, लेकिन सरकार बेपरवाह है। सरकार चारवॉक के सिद्धांत पर चल रही है कि जब तक जीओ मौज मस्ती से जीओ, ऋण लो घी पीओ। इस सरकार ने पांच साल तक यही किया और अंत समय में भी उसी सिद्धांत पर चल रही है।
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