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जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों की अब खैर नहीं, दी जाएगी ये कड़ी सजा

हिमाचल में शादी का झांसा देकर जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा है जिसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता थी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:20 AM (IST)
जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों की अब खैर नहीं, दी जाएगी ये कड़ी सजा

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन करवाने पर अब पांच साल की सजा होगी। इस संबंध में विधि विभाग के प्रधान सचिव यशवंत चोगल ने अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही धर्म की स्वतंत्रता विधेयक लागू हो गया है। इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किया गया था। विधेयक को पारित करने के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि कई एनजीओ ऐसे हैं जिनके पास लाखों रुपये आ रहे हैं। इनका उपयोग गरीबों को धन देकर उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए किया जा रहा है। शादी का झांसा देकर भी धर्म परिवर्तन हो रहा है जिसे रोकने के लिए इस तरह के सख्त कानून की आवश्यकता थी। विपक्ष ने शुरू में विधेयक को पेश करने की आवश्यकता पर कुछ सवाल उठाए थे क्योंकि इस मामले में पहले से ही एक कानून है।

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इसे कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2006 में लाया गया था। बाद में कांग्रेस विधायकों ने नए विधेयक का समर्थन किया था। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक राकेश सिंघा ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर शंका  जाहिर की थी। 

हाईकोर्ट करेगा कर्मचारियों से जुड़े सेवा मामलों की सुनवाई

हिमाचल के कर्मचारियों से जुड़े सेवा मामलों की सुनवाई अब हाईकोर्ट करेगा। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (विनिश्चित मामलों और लंबित आवेदनों का अंतरण) विधेयक लागू हो गया है। इस संबंध में प्रधान सचिव (विधि) यशवंत चोगल ने अधिसूचना जारी कर दी है। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने के बाद कर्मचारियों से जुड़े लंबित करीब 21 हजार मामलों को हाईकोर्ट में भेजने के संबंध में विधानसभा से पहले ही विधेयक पारित हो गया था। सरकार ने ट्रिब्यूनल बंद कर दिया है। हालांकि सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में ही याचिका के माध्यम से चुनौती भी दी गई है।

पुराने कानून समाप्त हुए, विपक्ष का विरोध

प्रदेश सरकार ने विपक्ष के विरोध के बावजूद 20 पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया है। इस संबंध में निरसरन अधिनियम 2019 लागू हो गया है। इस कारण 20 कानूनों का अस्तित्व अब खत्म हो जाएगा।

ये कानून हुए समाप्त

  • 1956,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1954
  • 1964,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1964
  • 1969,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1968
  • 1972,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1972
  • 1973,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1973
  • 1976,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1976
  • 1978,हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 1978
  •  2017, हिमाचल प्रदेश निरसन अधिनियम 2017
  •  1965, दी पंजाब टाउन इंप्रूवमेंट एमेंडमेंट एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट 1965
  •  1969,हिमाचल प्रदेश पशुधन और पक्षी रोग अधिनियम 1968
  •  1973, हिमाचल प्रदेश भूमि विकास अधिनियम 1973
  • 1973, हिमाचल प्रदेश ट्रैक्टर खेती प्रभारों की वसूली अधिनियम 1972 ’ 1976,हिमाचल प्रदेश भांडागार अधिनियम 1976
  • 1992, आवश्यक वस्तु हिमाचल प्रदेश संशोधन अधिनियम 1986
  • 2010, हिमाचल प्रदेश धूमपान प्रतिषेध और आधूमसेवी स्वास्थ्य संरक्षण निरसन अधिनियम 2009
  • 2013, हिमाचल प्रदेश प्राइवेट क्लीनिकल स्थापना रजीस्ट्रीकरण और विनियमन, निरसन अधिनियम 2013
  • 1934, दी पंजाब स्मॉल टाउनज टैक्स वैलिडेंटिग एक्ट
  • 1950, दी पंजाब न्यू टाउनजशिप स्ट्रीट लाइटिग एंड वाटर सप्लाई फीस एक्ट
  • विद्युत प्रदाय हिमाचल प्रदेश संशोधन अधिनियम 1999 दो बार लाया गया। इस कानून को समाप्त किया गया।    

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