Himachal Pradesh: राजीव सैजल को किस मंदिर में नहीं जाने दिया, न मंत्री बता रहे न विधायक
Rajiv Saizal. मंत्री राजीव सैजल ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कहा था कि मंडी जिले के नाचन में दौरे के दौरान वहां के विधायक विनोद कुमार व उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था।
शिमला, जागरण न्यूज नेटवर्क। Rajiv Saizal. हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने का मामला उलझने लगा है। सैजल ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में कहा था कि मंडी जिले के नाचन में दौरे के दौरान वहां के विधायक विनोद कुमार व उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था। हालांकि वह उस मंदिर का नाम बताने से परहेज कर रहे हैं, जहां यह घटना हुई। विधायक भी इस मामले पर कुछ कहने से पूरी तरह इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंत्री ही जानते होंगे कि कहां क्या हुआ।
नाचन भाजपा मंडल के अध्यक्ष रविंद्र राणा ने ऐसी किसी भी घटना से इन्कार किया है। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि सरकार को अपने मंत्री के साथ हुई घटना पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी ताकि जनता के लिए नजीर बने। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इसे शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से यह सुनिश्चित बनाने को कहा है कि भविष्य में ऐसी घटना किसी के साथ न हो। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्री के साथ हुआ होता तो हम कड़ी कार्रवाई करते। मंडी सर्वदेवता कमेटी के अध्यक्ष शिवदयाल का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह में पुजारी के अलावा किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है।
जानें, किसने क्या कहा
सभी को साथ लेकर चलेंगेः सीएम
समाज में समरसता आवश्यक है। यह आज के युग में चर्चा का विषय न बनकर जीवन का हिस्सा होनी चाहिए। सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी विधायक अपने-अपने हलकों में सभी को साथ लेकर चलेंगे।
-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
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ऐसी कोई घटना नहीं हुईः रविंद्र राणा
डॉ. राजीव सैजल ने करीब डेढ़ साल पहले नाचन हलके के प्रवास में कई स्कूलों के सालाना समारोह में भाग लिया था। पहले दिन उनका कार्यक्रम स्यांजी स्कूल में था। शाम को कार्यक्रम समाप्त होने के मैं व डॉ. राजीव सैजल तीन चार कार्यकर्ताओं के साथ रजवाड़ी होकर सरोया जालपा माता मंदिर गए थे। वहां पुजारी ने माता के दर्शन करवा डॉ. सैजल को तिलक आदि लगाया था। अगले दिन भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई। किसी मंदिर में जाने से डॉ. राजीव सैजल को नहीं रोका गया था। डेढ़ साल बाद यह बात कहां से सामने आई इस पर हम सब हैरान हैं। -रविंद्र राणा, पूर्व मंडल अध्यक्ष नाचन भाजपा
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मुझे कोई जानकारी नहींः विनोद
डॉ. राजीव सैजल मई 2018 में नाचन हलके के दौरे में आए थे। उस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया था। उनके साथ कौन से मंदिर में भेदभाव हुआ था, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। न ही इस मामले में कुछ बोलना चाहता हूं। इसके बारे में डॉ. राजीव सैजल ही बेहतर बता सकते हैं।'
-विनोद कुमार, विधायक नाचन क्षेत्र
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सरकार की गंभीरता पर सवालः मुकेश अग्निहोत्री
मैं तो हैरान हूं कि सरकार का एक मंत्री विधानसभा में आपबीती सुना रहा है और सरकार ने तीन दिन गुजर जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया है। यह सरकार की गंभीरता पर सवाल है। कैबिनेट मंत्री के साथ हुई घटना को हल्के में लिया गया। मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मंडी व कुल्लू जिले के सरकारी स्कूलों में दलित समुदाय के बच्चों को अलग से भोजन परोसना, एक वृद्ध महिला के गले में जूतों की माला डालकर सार्वजनिक तौर पर घुमाना। सरकार ने इन दोनों मामलों पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की।
- मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस विधायक दल के नेता।
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जातिगत भेदभाव करने का मामला सामने आने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगीः सुरेश भारद्वाज
मंत्री को मंदिर में जाने से किसी ने रोका नहीं। यदि उनको मंदिर में जाने से रोका गया होता तो संबंधित पुजारी और मंदिर की समिति का संचालन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते। हां, प्रदेश के कई स्थानों पर दलित समुदाय के लोग मंदिरों में जाना उचित नहीं समझते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि मंत्री स्वयं ही मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहते थे। राज्य के किसी भी हिस्से से जातिगत भेदभाव करने का मामला सामने आने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मंदिर सभी जनमानस के लिए होते हैं और इनमें प्रवेश करने से किसी को रोका नहीं जा सकता है।
-सुरेश भारद्वाज, शिक्षा, संसदीय एवं कानून मंत्री।
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ताकि मंदिरों में हर समुदाय का आदमी प्रवेश कर सकेः राकेश सिंघा
मैं दुखी हूं कि राज्य सरकार का एक कैबिनेट मंत्री लाचारगी महसूस कर रहा है। सरकार का दायित्व है कि जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए सामाजिक आंदोलन चलाए। सरकार को इस दिशा में वातावरण बनाना चाहिए, ताकि मंदिरों में हर समुदाय का आदमी प्रवेश कर सके। चिंता यह है कि जब मंत्री मंदिर में प्रवेश करने से घबराता है तो आम आदमी की हैसियत क्या है। राज्य में देव समाज के नियम कड़े हैं। सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल देव समाज में बदलाव लाने में नाकाम रहे हैं।
- राकेश सिंघा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक।
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जातपात का कोई सवाल पैदा नहीं होताः शिवपाल शर्मा
मंदिर के गर्भगृह में पुजारी के सिवा किसी अन्य व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होती है। चाहे वह मंदिर कमेटी का सदस्य हो या फिर कारदार। अधिकांश मंदिरों में ब्राह्मण वर्ग से ही पुजारी हैं। ऐसे में जातपात का कोई सवाल पैदा नहीं होता है। गर्भगृह को लेकर बने नियमों का वर्षों से पालन हो रहा है। जिले में अधिकतर बड़े मंदिरों में सभी वर्गों के लोग बेरोकटोक दर्शन कर सकते हैं। राजीव सैजल को किस मंदिर में जाने से रोका गया था, देव समाज के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। कारदार संघ की बैठक में चर्चा कर पता लगाने का प्रयास किया जाएगा यह घटना किस मंदिर में हुई।
-शिवपाल शर्मा, अध्यक्ष सर्व देवता कमेटी मंडी।