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मंत्री राजीव सैजल बोले, प्रदेश में आज भी जाति के आधार पर भेदभाव; मुझे भी रोका था मंदिर में जाने से

Rajiv Saizal said partialty with Him मंत्री राजीव सैजल बोले मुझे भी मंदिर में जाने से रोक दिया गया था। मैं मुख्यमंत्री के जिले में विधायक विनोद कुमार के साथ उनके हलके में गया था

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 04:50 PM (IST)
मंत्री राजीव सैजल बोले, प्रदेश में आज भी जाति के आधार पर भेदभाव; मुझे भी रोका था मंदिर में जाने से
मंत्री राजीव सैजल बोले, प्रदेश में आज भी जाति के आधार पर भेदभाव; मुझे भी रोका था मंदिर में जाने से

शिमला, जेएनएन। मुझे भी मंदिर में जाने से रोक दिया गया था। मैं मुख्यमंत्री के जिले में विधायक विनोद कुमार के साथ उनके हलके में गया था। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आरक्षण से संबंधित विधेयक के संकल्प के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिला में नाचन के विधायक विनोद कुमार के क्षेत्र में उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया था।

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उनका कहना था कि प्राचीन समय में भेदभाव नहीं था। भगवान श्रीराम ने निषाद को गले लगकर और शबरी के हाथों से बेर खाकर भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया है। ज्यादातर इतिहासकार वामपंथी विचारधार से संबंधित रहे हैं। उन्होंने संस्कृति का सही अध्ययन नहीं किया है, जबकि संत समाज ने जाति भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया है। आज भी प्रदेश में जाति के आधार पर भेदभाव है और इसे सवर्ण जाति द्वारा पहल कर दूर किया जा सकता है।

जनजातीय क्षेत्रों में पहुंच रहा विकास

कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि इस वक्त आरक्षण विधेयक पर चर्चा की जरूरत नहीं है। इसको आज सिर्फ पारित किया जाना है। जनजातीय क्षेत्रों में विकास की रफ्तार अब आ रही है, जबकि अन्य क्षेत्र बहुत पहले विकसित हो चुके हैं।

अभी बदले नहीं हैं हालात

विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि हालात अभी बदले नहीं हैं, जितनी कि उम्मीद थी। अब भी दलितों को प्रताडि़त करने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। भाजपा विधायक बलवीर ङ्क्षसह, कांग्रेस विधायक धनी राम शांडिल ने भी विचार रखे व बिल का समर्थन किया।

आरक्षण भाजपा की उपलब्धि नहीं

कांग्रेस के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आरक्षण भाजपा की उपलब्धि नहीं है। इसका श्रेय लेने की कोशिश सत्ता पक्ष न करे। इस संविधान को बनाने के लिए दो साल का समय लगा था और यह कांग्रेस की ही देन है।

70 साल बाद भी इस वर्ग को नहीं मिला न्याय

ठियोग के माकपा विधेयक राकेश सिंघा ने आरक्षण के विधेयक का समर्थन किया और कहा कि आरक्षण को बढ़ाना एक रिव्यू है। आज भी इसकी जरूरत क्यों है यह सोचने वाली बात है। 70 साल बाद भी इस वर्ग को न्याय नहीं दे पाए हैं। मिड डे मील में अलग बिठाया जाना, मंदिरों में प्रवेश न देना व अन्य भेदभाव आज भी जारी है। एससी एसटी के पास जमीन भी 14 फीसद ही है। नौकरियां भी इन वर्गों के पास कम हैं।

मनुवादी, रूढि़वादी व छुआछूत से आजादी जरूरी

जगत नेगी ने कहा कि आज देश को मनुवादी, रूढि़वादी व छुआछूत से आजादी जरूरी है। देश पर 30 फीसद लोग राज कर रहे हैं। जब तक छुआछूत रहेगी तब तक आरक्षण की जरूरत रहेगी और मानसिकता बदलने की जरूरत है। इस पर सत्ता पक्ष ने हल्ला भी किया व उनकी बातों पर आपत्ति भी जाहिर की। यह संशोधन पहली बार नहीं बल्कि 8वीं मर्तबा हुआ है।


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