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हिमाचल में 663 सड़कें अभी भी बंद, बर्फबारी से हुआ करोड़ों का नुकसान

हिमाचल में बर्फबारी के कारण 663 सड़कें अभी भी बंद हैं जबकि 199 पर यातायात सुचारू हो गया है। हिमपात के कारण अब तक 102 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 09:05 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:41 AM (IST)
हिमाचल में 663 सड़कें अभी भी बंद, बर्फबारी से हुआ करोड़ों का नुकसान
हिमाचल में 663 सड़कें अभी भी बंद, बर्फबारी से हुआ करोड़ों का नुकसान

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बर्फबारी से यहां के 4 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 663 सड़कें अभी भी बंद हैं, 2646 बिजली आपूर्ति योजनाएं और 200 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। बर्फबारी से विभाग को 102 करोड़ का नुकसान हो चुका है। बाधित सड़कों से 440 मशीनों के माध्यम से बर्फ हटाई जा रही है। वीरवार तक 1034 सड़कें बंद थी, जिनमें से शुक्रवार तक 199 पर यातायात सुचारू हो गया है। सबसे ज्यादा 642 सड़कें  शिमला जोन में प्रभावित हुई हैं। मंडी जोन की 139 और कांगड़ा की 49 सड़कें बंद हैं। हमीरपुर ऐसा जोन है, जहां एक भी सड़क बाधित नहीं हुई है। विभाग का दावा है कि शनिवार तक 305 और सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा।

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बारह सौ रूट बंद, चार सौ बसें फंसी

भारी हिमपात से प्रदेश में 1200 बस रूट अभी भी बंद हैं। इनमें हिमाचल पथ परिवहन निगम और निजी दोनों तरह के बस रूट शामिल हैं। चार सौ से अधिक बसें बर्फ के बीच फंसी हुई हैं। शुक्रवार को कई जगह पाला अधिक गिरने से सड़कें शीशे जैसी हो गई हैं। ऐसे में फिसलन पहले से और ज्यादा हो गई है। आसमान साफ रहने से यह समस्या अधिक बढ़ गई है। उधर, हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने सरकार से मांग की है कि निजी बसों का जनवरी का स्टेट रोड टैक्स (एसआरटी) माफ किया जाए। संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने जारी बयान में कहा है कि मौसम की वजह से अधिकतर जिलों में निजी बसों के रूट प्रभावित हुए हैं। इस कारण बसें खड़ी हैं और बैंक की किस्तें आदि देने में ऑपरेटर असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि अगर रूट पर बस नहीं चलती है तो एसआरटी और अन्य तरह का किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जा सकता है।

बर्फबारी के बाद पर्यटकों से लूट

भारी बर्फबारी के बाद पर्यटक स्थलों पर फंसे सैलानियों से खुली लूट हो रही है। बर्फ में फंसी गाड़ियों को निकालने के लिए एक हजार से पंद्रह हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। यहां तक की गाड़ी को धक्का लगाने के लिए भी मनमाने पैसे लिए जा रहे हैं। बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में सामान ढोने के कई गुणा ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। 

आसमान साफ, कोहरे ने रोके वाहनों के पहिये

आसमान के साफ रहने के कारण सड़कों पर कोहरा जम रहा है। इस वजह से गाड़ियों की आवाजाही बंद रही। सुबह 11 बजे के बाद गिने-चुने वाहन ही लोगों ने अपने रिस्क पर चलाए। राजधानी शिमला सहित ऊपरी क्षेत्रों को लिए बसों की आवाजाही पूरी तरह से ठप रही। लोगों को पैदल बर्फ पर गिरते पड़ते चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। शिमला के अंतरराज्यीय बस अड्डे से कहीं के लिए भी कोई बस सुविधा उपलब्ध नहीं हुई। यहां तक कि टैक्सी सेवा भी बंद रही। इस वजह से पर्यटकों को मजबूरन होटलों में ही रुकना पड़ा।

बर्फ पिघलाकर पूरी हो रही जरूरतें

बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों योजनाओं में पेयजल सप्लाई नहीं हो पाई है। लोग बर्फ पिघलाकर पेयजल की जरूरतें पूरी कर रहे हैं। पेयजल स्रोत भी पूरी तरह से जम गए हैं। वहीं बिजली गुल होने से उठाऊ पेयजल योजनाओं से भी आपूर्ति ठप है। शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर, किन्नौर, लाहुल स्पीति जिलों के कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित रहने से पानी का संकट पैदा हो गया है।

उधर, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद कर दी हैं। विभाग के पास फील्ड में करीब दस हजार कर्मचारी हैं। उन्हें अब आपातकाल में ही अवकाश मिल सकेगा। वहीं विभाग में अव्यवस्था का आलम है यह है कि दो दिन बाद भी फील्ड से प्रभावित योजनाओं की सूचनाएं कंपाइल नहीं कर पाया है। धिकारियों का कहना है कि सूचनाएं जेई स्तर के कर्मचारियों के माध्यम से एकत्र की जा रही हैं। कई जगह पर मोबाइल फोन नहीं चल रहे हैं। दुर्गम क्षेत्रों में बिजली न होने से कर्मचारियों से संपर्क करने में दिक्कतें आ रही हैं। मुख्य अभियंता (ईएनसी) नवीन पुरी के अनुसार जैसे ही फील्ड से सूचना आएगी, इसे तत्काल सरकार को भेजा जाएगा।

विभाग लोगों को पानी की सप्लाई करवाने के लिए ही हरसंभव प्रयास कर रहा रहा है। बर्फबारी से प्रभावित योजनाओं को तुरंत सुचारू बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जहां स्नोतों को नुकसान हुआ है वहां इन्हें दूसरी योजनाओं से जोड़ने को कहा है। 

12 हजार योजनाएं हैं प्रदेश में

प्रदेश में पेयजल और सिंचाई की 12 हजार योजनाएं हैं। नौ हजार पेयजल की योजनाएं में। इनमें से आधी योजनाएं बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में हैं।

 हिमाचल में बर्फबारी के बाद अब पर्यटकों की बहार, होटलों की एडवांस बुकिंग


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