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खुशियों पर रेड सिग्नल

पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर करीब 11 माह बाद सोमवार से एक रेलगाड़ी शुरू हुई लेकिन याि

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 03:06 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 03:06 AM (IST)
खुशियों पर रेड सिग्नल

पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर करीब 11 माह बाद सोमवार से एक रेलगाड़ी शुरू हुई लेकिन यात्रियों की खुशियों पर रेलवे का रेड सिग्नल भारी पड़ा है। रेलवे ने न्यूनतम किराया 10 से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया है। इससे एक या दो स्टेशनों तक रेलगाड़ी में सफर करने वालों को कोई फायदा नहीं होगा।

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सोमवार सुबह 10.10 बजे पठानकोट से सात सवारियों को लेकर चली रेलगाड़ी दोपहर करीब 1.10 बजे नगरोटा सूरियां रेलवे स्टेशन पर पहुंची। रेलगाड़ी चलने से कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सभी रेलगाड़ियां शुरू नहीं होती तब तक उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। लुनसू निवासी पुरुषोत्तम ने बताया कि करीब 11 माह बाद रेलगाड़ी में सफर करने का मौका मिला है। उनका कहना है कि नगरोटा सूरियां से गुलेर तक बस किराया 25 रुपये है जबकि रेलमार्ग से 30 रुपये है। उन्होंने बताया कि एक या दो स्टेशनों तक सफर करने वालों को कोई फायदा नहीं होगा।

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नगरोटा सूरियां में बैठी 15 सवारियां

पहले दिन तलाड़ा व जवाली में सात-सात और नगरोटा सूरियां में 15 सवारियां रेलगाड़ी में बैठीं। रेलगाड़ी में सात के बजाय चार डिब्बे लगे थे। 44 सवारियों वाले एक डिब्बे में औसतन 20 सवारियां कोविड-19 का पालन करते हुए बैठी थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बे में मात्र एक ही महिला सवार थी।

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रेलगाड़ी चलने से पालमपुर में आयोजित की जा रही सेना भर्ती में जाने वाले युवाओं को लाभ मिलेगा। नगरोटा सूरियां से पालमपुर का बस किराया 160 है जबकि रेलगाड़ी का मात्र 40 रुपये है।

केशव कौंडल

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कर्मचारियों व व्यापारियों को कोई फायदा नहीं हुआ है। एक रेलगाड़ी पठानकोट से जोगेंद्रनगर के लिए सुबह चार बजे और एक शाम को पांच बजे चलनी चाहिए। किराया बढ़ाना सही नहीं है।

-ध्यान सिंह

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रेलगाड़ी चलने से काफी अच्छा महसूस हो रहा है। गरीबों के लिए रेलगाड़ी सुगम व सस्ता यातायात का साधन है। जब तक सभी रेलगाड़ियां नहीं चलाई जाती कोई भी फायदा नहीं होगा।

-त्रिलोक चंद

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लुनसू के लोगों के लिए रेलमार्ग ही एकमात्र यातायात का साधन है। 11 माह बाद लुनसू से गुलेर तक 10 किमी तक पैदल चलने से निजात मिली है।

-पुरुषोतम सिंह

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रेलगाड़ी चलने से दुकान की आमदनी बढ़ेगी और परिवार का पालन पोषण करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी रेलगाड़ियां चला दी जाएं तो ही स्टेशनों पर चाय की दुकान करने वालों को फायदा होगा।

-कृष्ण गोपाल, दुकानदार प्रस्तुति : रक्षपाल धीमान, नगरोटा सूरियां


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