Himachal News: श्री चामुंडा झील में नौका विहार के लिए करना होगा इंतजार, इस वजह से अटक गया मामला
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम झील में नौका विहार के लिए श्रद्धालुओं को अभी इंतजार करना पडेगा। हालांकि यहां पर झील में नौका चलाने के लिए 12 फरवरी को इसके लिए टेंडर लगाए गए थे लेकिन तकनीकी प्रकिया पूरी न होने की वजह से वर्क अवार्ड नहीं हो पाया। अब लोकसभा ओर विधानसभा के उपचुनावों को लेकर लागू आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही दोबारा से टेंडर प्रक्रिया होगी।
सुरेश कौशल, योल। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम झील में नौका विहार के लिए श्रद्धालुओं को अभी इंतजार करना पडेगा। हालांकि, यहां पर झील में नौका चलाने के लिए 12 फरवरी को इसके लिए टेंडर लगाए गए थे, लेकिन तकनीकी प्रकिया पूरी न होने की वजह से वर्क अवार्ड नहीं हो पाया।
अब लोकसभा ओर विधानसभा के उपचुनावों को लेकर लागू आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही दोबारा से टेंडर प्रक्रिया होगी। इसके बाद जून माह के दौरान ही अगली कार्रवाई हो पाएगी। खैर कारण कुछ भी हों लेकिन इन गर्मियों में भी श्रद्धालुओं को नौका विहार की सुविधा मिलने की आस कम ही दिख रही है।
मंदिर के राजस्व में होने लगी थी वृद्धि
इस झील का निर्माण नब्बे के दशक में मोहन मीकिन के बिग्रेडियर कपिल मोहन ने संजय घाट के नाम से किया था। बाद में इस झील का नवीकरण कर श्री चामुंडा झील से जाने जाना लगा और यहां पर झील में नौकायन की सुविधा मिलने से श्रद्धालु खुश थे तो वहीं मंदिर प्रशासन के राजस्व में भी वृद्धि होने लगी थी।
लेकिन 2017 के दौरान एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से मंदिर के सुंदरीकरण कार्य के चलते मंदिर परिसर की सभी पुरानी इमारतों को गिरा दिया गया। जिसमें संस्कृत महाविद्यालय भवन, संगीत हाल मंदिर प्रशासन कार्यालय, कनिष्ठ अभियंता कार्यालय, मंदिर सराय के 35 कमरे किराए गए।
इसी तरह पार्क के निर्माण के समय झील ही इसकी जद में आ गई। 2019 को मंदिर परिसर तथा झील के सुंदरीकरण का कार्य पूरा तो हो गया लेकिन झील में नौकायन की सुविधा नहीं मिल पाई। मंदिर अधिकारी गिरिराज ठाकुर ने बताया कि कि फाइल संयुक्त आयुक्त मंदिर के पास फाइल भेजी गई है। लेकिन आचार संहिता हटने के बाद ही अगली कार्रवाई की जा सकती है।
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