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बड़े नाम छोड़ रहे हैं कांग्रेस का दामन, अब किसके नाम पर खेला जाएगा दांव, कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी करेगी तय

शुक्रवार का दिन हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक रूप से घटनाप्रधान रहेगा। आज संभावना है कि हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी दिल्ली में बैठक करेगी। 22 सीटों के लिए दावेदारों के नाम पर चर्चा होने के आसार हैं।

By Jagran NewsEdited By: Richa RanaPublished: Fri, 07 Oct 2022 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:26 AM (IST)
बड़े नाम छोड़ रहे हैं कांग्रेस का दामन, अब किसके नाम पर खेला जाएगा दांव, कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी करेगी तय
हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी दिल्ली में बैठक करेगी।

शिमला,जागरण संवाददाता। का दिन हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक रूप से घटनाप्रधान रहेगा। आज संभावना है कि हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी दिल्ली में बैठक करेगी। 22 सीटों के लिए दावेदारों के नाम पर चर्चा होने के आसार हैं। गौरतलब है कि 40 सीटों पर पहले ही सहमति लगभग बन चुकी है। यह और बात है कि अभी इनकी घोषणा नहीं की गई है।

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छह सीटों पर सीईसी अपने स्तर पर ही लेगी फैसला

22 सीटों के लिए चयनित नामों को कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। छह सीटों पर सीईसी अपने स्तर पर ही लेगी फैसला। कांग्रेसे से जुड़े लोग कहते हैं कि जिन नेताओं को टिकट नहीं अमिलेगी, संभव है कि वे कहीं और का रूख करें। भाजपा नेता यह दावा करते आ रहे हैं कि कांग्रेस के कई नेता उसके संपर्क में हैं।

आश्रय शर्मा भी छोड़ेंगे कांग्रेस का साथ

शुक्रवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पौत्र एवं हिमाचल कांग्रेस के महासचिव आश्रय शर्मा भी कांग्रेस के पद और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देंगे। भाजपा विधायक अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा मंडी में मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखकर आगे की रणनीति बताएंगे। पिता अनिल शर्मा के भाजपा में बने रहने के निर्णय के बाद आश्रय शर्मा पहली बार मीडिया से बातचीत करेंगे। आश्रय 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और मंडी सीट से चुनाव भी लड़ा था। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पंडित सुखराम के परिवार का मंडी की राजनीति में हस्‍तक्षेप प्रभावी रहा है। भाजपा में रहना अनिल शर्मा की विवशता हो गई है तो भाजपा के लिए भी अनिल शर्मा जरूरत हैं। हालांकि भाजपा टिकट बांटने में चौंकाती है। आज आश्रय शर्मा के भाजपा में जाने की राहें और साफ हो जाएंगी।

मोदी के दौरे से बदला है वातावरण

प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार बिलासपुर में आकर एम्‍स समेत करोड़ों की परियोजनाएं हिमाचल को सौंपी और एक भावनात्‍मक संबंध याद दिलाया है, उससे भाजपा का मनोबल और बढ़ा है जबकि कांग्रेस को अब तक यह चिंता सता रही है कि उसका कुनबा न बिखरे। उधर हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष रहे हर्ष महाजन भी भाजपा में शामिल होने के बाद कल दिल्‍ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। तीन बार के सांसद सुरेश चंदेल भी हाल में भाजपा में लौटे हैं। आज कांग्रेस में टिकटों का परिदृश्‍य साफ होते ही नए समीकरण बन सकते हैं।

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