मंडी, हंसराज सैनी। Himachal Pradesh Election 2022, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार रिवाज बदलेगा या फिर परंपरा कायम रहेगी। 55,92,828 मतदाता इस बात का फैसला करेंगे। 1985 से 2017 तक 37 साल से प्रदेश में हर पांच साल बाद सत्ता बदलती रही है। भाजपा डबल इंजन सरकार की योजनाओं से रिवाज बदलने की उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) से सत्ता की राह निकलती देख रही है। 14वीं विधानसभा के चुनाव में 412 प्रत्याशी मैदान में है। 55,92,828 मतदाताओं में 28,54,945 पुरुष व 27,87,845 महिला व 38 ट्रांसजेंडर मतदाता मतदान करेंगे। मतदान सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा। चुनाव आयोग ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली हैं। प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के 7881 मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टियां पहुंच चुकी हैं।
भाजपा ने डबल इंजन सरकार और राम मंदिर व 370 का मुद्दा उछाला
भाजपा ने इस बार रिवाज बदलने का नारा दिया है। चुनाव प्रचार में सभी स्टार प्रचारकों की जुबां पर यही नारा छाया रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य सभी स्टार प्रचारकों ने प्रदेश के मतदाताओं को डबल इंजन सरकार के काम व फायदे गिनाए। राममंदिर का निर्माण व जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने का मुद्दा भी चुनाव में गूंजता रहा।
कांग्रेस नेता देते रहे ओपीएस को हवा
कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी सहित अन्य नेता ओपीएस को हवा देते रहे। भाजपा के स्टार प्रचारकों ने 249 व कांग्रेस ने 130 रैलियां की। 1985 से 2017 तक हर पांच साल बाद प्रदेश में सत्ता बदलती रहती है। इतने साल में चार मुख्यमंत्री प्रदेश को मिले हैं।
भाजपा की नजर कांगड़ा और मंडी पर
प्रदेश की सत्ता का रास्ता कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति व चंबा जिलों से होकर निकलता है। इन पांच जिलों में विधानसभा की 35सीटें हैं। पिछले आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जो दल इन जिलों में हावी रहा है, प्रदेश की सत्ता में वही काबिज हुआ है। कांगड़ा व मंडी जिला दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण है। 2017 के चुनाव में इन्हीं दो जिलों से भाजपा को 20 सीटें मिली थी। दो निर्दलीय विजयी हुए थे। उन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया था। भाजपा को दोनों जिलों में 2017 के नतीजों की उम्मीद लगाए बैठी है। कांगड़ा जिला हमेशा ही हिमाचल की राजनीति में निर्णायक रहा है। यहां से जिसने भी ज्यादा सीटें जीती, वही सत्ता पर काबिज हुआ है।
कांग्रेस को इन जिलों से उम्मीद
कांग्रेस शिमला, बिलासपुर, सोलन, ऊना व हमीरपुर से उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस नेता मंडी व कांगड़ा में भी उलटफेर होने की बातें कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार के चुनाव में आठ दिसंबर को रोचक नतीजे देखने को मिलेंगे।
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