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जानिए कौन हैं भारत के सबसे अ‍मीर 10 भारतीयों की सूची में शामिल हिमाचल के जय, सरकारी स्‍कूल से की है पढ़ाई

Himachal Jai Choudhary अमेरिका में जाकर बसे जिला ऊना के पनोहवासी जगतार उर्फ जय चौधरी का नाम सबसे अमीर 10 भारतीयों की सूची में शामिल हो गया है। पिछले साल उनकी संपत्ति में लगभग 271 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 11:27 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 12:08 PM (IST)
जानिए कौन हैं भारत के सबसे अ‍मीर 10 भारतीयों की सूची में शामिल हिमाचल के जय, सरकारी स्‍कूल से की है पढ़ाई
ऊना के पनोहवासी जगतार उर्फ जय चौधरी का नाम सबसे अमीर 10 भारतीयों की सूची में शामिल हो गया है।

ऊना, सुरेश बसन। Himachal Jai Choudhary, अमेरिका में जाकर बसे जिला ऊना के पनोहवासी जगतार उर्फ जय चौधरी का नाम सबसे अमीर 10 भारतीयों की सूची में शामिल हो गया है। विपरीत परिस्थितियों से लड़कर अरबपति बने जय चौधरी की इस उपलब्धि के बाद ऊना में रह रहे उनके बड़े भाई दलजीत चौधरी के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार पिछले साल उनकी संपत्ति में लगभग 271 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 13 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। 60 वर्षीय जय चौधरी साइबर सिक्योरिटी फर्म जी स्कैलर के मालिक हैं।

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चौधरी ने हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2021 में 577वां स्थान हासिल कर दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में स्थान पाया है जबकि भारत के शीर्ष 10 अरबपतियों में से एक हैं।

ऊना के पुराना होशियारपुर रोड पर रह रहे उनके बड़े भाई सेवानिवृत्त प्रिंसिपल दलजीत चौधरी व भाभी सेवानिवृत्त प्रिंसिपल निर्मल कौर ने बताया आज भी अगर उन्हें अमेरिका जाना पड़े तो जय मक्की की रोटी, सरसों का साग व कढ़ी खाने की मांग करते हैं। अगर यहां आएं तो भी इन व्यंजनों को बनाकर उनके पास ले जाना पड़ता है। जून में उनकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए वे अमेरिका जा रहे हैं।

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

दलजीत चौधरी ने बताया कि उनके परिवार ने ऐसा समय भी देखा है जब गांव एवं घर में रोशनी नहीं थी, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका जज्बा सराहनीय था। जय 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए नजदीकी गांव धुसाड़ा में लगभग चार किलोमीटर पैदल सफर करते थे। स्कूल में शिक्षक गिरधारी लाल से आधी छुट्टी के समय भी अपने सवालों के जवाब जानने के लिए पूछते रहते थे। आठवीं कक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया। 10वीं में दूसरा व ऊना महाविद्यालय में पढ़ाई कर यूनिवर्सिटी में पहले स्थान पर रहे। इसके बाद स्टडी लोन लेकर बीटेक आइआइटी वाराणसी से की। एमटेक के लिए अमेरिका का रुख किया और वहां कंप्यूटर कंपनी में करियर शुरू किया। 2008 में साइबर सिक्योरिटी जी स्कैलर शुरू की।

पिता चलाते थे हल

जय चौधरी के पिता भगत सिंह किसान थे। उन्होंने खेतीबाड़ी कर परिवार की परवरिश की। हालात ऐसे थे कि घर में बिजली के बिना भी समय व्यतीत किया। गांव में वह प्रधान और बीडीसी सदस्य भी रह चुके हैं। फिलहाल जय के पिता भगत सिंह, माता सुरजीत कौर और भाई प्यारा ङ्क्षसह उनके साथ रह रहे हैं।

लॉकडाउन में भी कार्य के प्रति रही लगन

चौधरी का परिवार वर्तमान में नेस्डैक में सूचीबद्ध जी स्कैलर का 45 प्रतिशत मालिक है। कंपनी का वर्तमान मूल्य लगभग 28 बिलियन डॉलर है। कोरोना काल में डिजिटल प्रौद्योगिकी के तेजी से अपनाने के कारण चौधरी की कंपनी को बहुत ताकत मिली। उन्होंने जूम और सामग्री प्लेटफार्म जैसे नेटफ्लिक्स और वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग एप का इस्तेमाल किया। आज उनकी कंपनी में 5000 से अधिक ग्राहक हैं।

कामयाबी में पत्नी का भी हाथ

अरबपति जय चौधरी की कामयाबी के पीछे पत्नी प्रभजोत कौर का भी बड़ा हाथ है। वह शुरुआती दौर में कंपनी में फाइनांस का काम संभालती थीं। जब मां और पिता उनके पास गए तो जय ने प्रभजोत को माता-पिता की देखभाल करने के लिए कहा। अब परिवार में तीन बच्चे हैं जिनमें एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक इंजीनियर व बेटी किसी अन्य कंपनी में इंजीनियर है।

भारत में भी कार्यालय

जय चौधरी की कंपनी के कार्यालय चंडीगढ़, दिल्ली व बेंगलुरु जैसे महानगरों में हैं। इसके अलावा जापान सहित कई देशों में भी कंपनी के कार्यालय हैं।

कई स्कूलों में किया दान

दलजीत सिंह ने बताया कि ऊना में पनोह, धुसाड़ा, धमांदरी, टक्का, धर्मसाल महंता जैसे स्कूलों के लिए जय लाखों रुपये दान कर चुके हैं। उन्होंने काफी समय पहले धूमल सरकार के समक्ष ऊना कॉलेज में कंप्यूटर शिक्षा के लिए 50 लाख राशि देने का ऑफर दिया था, लेकिन किन्हीं कारणों से वह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया। जय आज भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहते हैं।

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