स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए हिमाचल ने पाया प्रथम पुरस्कार, पढ़ें खबर
स्टेट ऑफ द स्टेट्स अवार्ड सर्वेक्षण में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पहला पुरस्कार मिला है।
शिमला, जेएनएन। स्टेट ऑफ द स्टेट्स अवार्ड सर्वेक्षण में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पहला पुरस्कार मिला है। पहाड़ी राज्य हिमाचल ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को पछाड़ा है। यह पुरस्कार केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक मीडिया हाउस के स्टेट ऑफ द स्टेट्स सम्मेलन-2019 के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दिए। इस दौरान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद रहे।
जयराम ने कहा कि 83 फीसद साक्षरता दर के साथ हिमाचल प्रदेश केरल के बाद दूसरे स्थान पर है। राज्य में 15,556 सरकारी और 3252 निजी स्कूल हैं। 139 डिग्री कॉलेज, पांच विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, छह मेडिकल कॉलेज और आइआइटी कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में शीघ्र ही एम्स भी खुलने जा रहा है।
हिमकेयर, आयुष्मान योजना बनी सहारा
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पंजीकृत अस्पतालों में लाभार्थियों को निशुल्क उपचार सुविधा प्रदान करने के लिए हिमकेयर योजना शुरू की है। इसके तहत 43 हजार लोगों उपचार प्रदान करने पर 42 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 35 हजार से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधा देकर 33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों की देखभाल के लिए सहारा योजना भी शुरू की है। जयराम ने बताया कि सरकार ने हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट करवाई, जिसमें 93 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में बढ़ रही है। समारोह में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्री मौजूद रहे।
शिक्षा क्षेत्र की नीतियों की प्रशंसा : भारद्वाज
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए हिमाचल को लगातार दूसरी बार शिक्षा क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कार मिला है। प्रारंभिक शिक्षा नर्सरी शुरू करने से विद्यालयों में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती, अटल आदर्श विद्यालय योजना, भाषा लैब, विजुअल शिक्षा जैसे फैसलों की पूरे देश में सराहना हुई है।