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प्रदेश में स्कूल खुलने के कोरोना के मामले लगे बढ़नें, अभिभावक परेशान

कोरोना फिर डराने लगा है। जिससे अभिभावक फिर असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि सौ के करीब स्कूली बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि स्कूल में हाजिरी लगाना जरूरी नहीं है बावजूद आठवीं से जमा दो तक के बच्चे नियमित स्कूल जा रहे हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 04:30 PM (IST)
प्रदेश में डेढ़ वर्ष बाद 27 सितंबर से स्कूल तो खुल गए, लेकिन कोरोना फिर डराने लगा है।

योल, संवाद सहयोगी। प्रदेश में डेढ़ वर्ष बाद 27 सितंबर से स्कूल तो खुल गए, लेकिन कोरोना फिर डराने लगा है। जिससे अभिभावक फिर असमंजस की स्थिति में हैं, क्योंकि सौ के करीब स्कूली बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि स्कूल में हाजिरी लगाना जरूरी नहीं है बावजूद आठवीं से जमा दो तक के बच्चे नियमित स्कूल जा रहे हैं। लेकिन अभिभावकों को अभी भी डर सता रहा है कि बच्चे स्कूल से कोई संक्रमण लेकर तो नहीं आए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो नियमों का सख्ती से पालन किए जाने के निर्देश हैं, लेकिन अभिभावक तो इस बात से डर रहे हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए अभी कोई कारगर वैक्सीन नहीं लग पाई है।

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क्या कहते हैं अभिभावक

सविता देवी काकहना है किअक्टूबर माह से स्कूली विधार्थी संक्रमित होने शुरू हो गए हैं। यह स्वभाविक ही है कि अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि स्कूलों में भी काफी एहतियात बरती जा रही है फिर भी डर सताने लगा है।

सचिन कुमार का कहना है कि अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का भी कोई विकल्प नहीं है। इससे अभिभावकों को ज्यादा चिंता होने लगी है। स्कूल खुलने से नियमित पढ़ाई हो सकती है, लेकिन अभी तक कोई सुरक्षा नहीं है।

शम्‍मी देवी नेकहा किआनलाइन पढ़ाई से स्कूल में बेहतर पढ़ाई हो रही है इससे विद्यार्थी पहले की तरह नियमित सीख रहे हैं, लेकिन कोरोना का डर फिर सताने से अभिभावकों को असमंजस में डाल दिया है।

संपन्‍न शर्मा ने बताया कि हमें भी इसके साथ एहतियात बरतने की जरूरत है। स्कूलो में बेशक सख्त नियमों का पालन करवाया जा रहा है, बावजूद इसके विधार्थी ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं।

संजीत राणा  का कहना है कि नियमों के अनुसार शिक्षा विभाग स्कूलों को दो दिन के लिए बंद तो कर रहा है, लेकिन अभिभावक यह सोचने पर मजबूर हैं संक्रमण बढ़ने से बच्चों को कैसो रोका जा सकता है।

-संजीत राणा।

नरेंद्र वालिया ने बताया पिछले डेढ़ साल से पहले ही बच्चों की आनलाइन पढ़ाई करने से बेसिक शिक्षा काफी पिछड़ चुकी है, क्योंकि प्रैक्टिकल आफलाइन ही हो सकते हैं। लेकिन कोरोना फिर डराने लगा है।

आरती कश्‍यप का कहना है कि स्कूली विद्यार्थियों के संक्रमित होने का सिलसिला थमने का नाम तक नहीं ले रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग ही नहीं अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। इसे कैसे रोका जाए।

योगेश कुमार ने बताया कि इस समय शिक्षा विभाग को भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि स्कूलों में तेली से फेल रहे संक्रमण की रोकथाम की जा सके।

सन्‍नी  ने बताया  कि अभिभावक पहले से ही डरे हुए हैं, पिछले साल इस कोरोना ने कई घरों को उजाड़ कर रख दिया है। स्कूल खुलने से जहां अभिभावक तो खुश हुए हैं, वहीं विद्यार्थियों को भी खुला माहौल मिला है।

सुजाता देवी ने कहा कि अभी तक बच्चों को वैक्सीनेशन भी नहीं है, जिससे कोई सुरक्षा हो सके। ऐसी स्थिति में अभिभावक भी सहमे हुए हैं कि बच्चों को स्कूल भेजे या नहीं।


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