कागड़ा में दशक बाद मिला हाथ को जनता का आशीर्वाद
जागरण संवाददाता, कागड़ा : कागड़ा विधानसभा क्षेत्र में दस साल बाद काग्रेस को जीत मिली है। इसस
जागरण संवाददाता, कागड़ा : कागड़ा विधानसभा क्षेत्र में दस साल बाद काग्रेस को जीत मिली है। इससे पहले वर्ष 2003 में सुरेंद्र काकू ने काग्रेस की झोली में कागड़ा की सीट जीतकर डाली थी और काग्रेस की सरकार बनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। यहां वर्ष 2007 में काग्रेस व भाजपा दोनों ही बड़े दलों को बसपा ने पटखनी दे दी थी। बसपा के उम्मीदवार संजय चौधरी विजयी रहे। वर्ष 2012 में पवन काजल ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और भाजपा व काग्रेस दोनों ही राजनीतिक पार्टियों को पटखनी दी। इस तरह 10 साल तक कागड़ा में काग्रेस सत्ता से दूर रही। इस बार पवन काजल ने बतौर काग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। कागड़ा से पवन काजल दूसरी बार विधायक चुने हैं। हालाकि 1977 में जनता पार्टी से प्रताप चौधरी व 1982 से लेकर 1990 तक लगातार तीन बार भाजपा प्रत्याशी विद्यासागर विजयी रहे हैं। भाजपा के गढ़ में काग्रेस के प्रत्याशी दौलत चौधरी ने 1993 में सेंध लगा दी, लेकिन 1998 के चुनाव में फिर से भाजपा से विद्यासागर जीतने में सफल रहे। 2007 में काग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र काकू ने कागड़ा में जीत दर्ज की, लेकिन 2007 में बसपा व 2012 में निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में सफल रहे। अबकी बार पवन काजल ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की है।
काग्रेस प्रत्याशी ने 25,549 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के संजय चौधरी को 6,208 मतों से पटखनी दी है। वह दूसरी बार विधायक बने हैं। भाजपा के उम्मीदवार संजय चौधरी को 19,341 मत पड़े, जबकि आजाद प्रत्याशी श्री बालाजी अस्पताल के एमडी डॉ. राजेश शर्मा 11,805 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। विधानसभा में 656 लोगों ने नोटा प्रयोग किया। लोक गठबंधन पार्टी के कर्नल कुलदीप अटवाल 482 मत लेकर पाचवें, राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी के रवि चंद 408 मत लेकर छठे व बसपा के विजय बाहड़ी 225 मत लेकर सातवें नंबर पर रहे। जबकि बेल्ट पेपर से आए कुल 891 मतों में से 88 मत रिजेक्ट हुए।
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कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल की जीत के साथ ही उनके समर्थकों ने उन्हें कंधों पर बिठा लिया और कागड़ा शहर का चक्कर लगाकर जश्न मनाया। आतिशबाजी के बीच पवन काजल जिंदाबाद के नारों के साथ समर्थकों ने पवन काजल का स्वागत किया। महिलाओं ने विजयी तिलक कर पगड़ी पहनाई।