अब खजियार में भी पैराग्लाइडिंग का मजा ले सकेंगे पर्यटक
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग हिमाचल प्रदेश ने साहसिक गतिविधियों की संभावना को देखते हुए खजियार में पैराग्लाइडिंग की मंजूरी दे दी है।
चंबा, जेएनएन। खजियार में अब पर्यटक पैराग्लाइडिंग भी कर सकेंगे। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग हिमाचल प्रदेश ने साहसिक गतिविधियों की संभावना को देखते हुए पैराग्लाइडिंग को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब खजियार आने वाले पर्यटक पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। मंजूरी मिलते ही पर्यटन विभाग चंबा आगामी कार्रवाई में जुट गया है।
विभाग द्वारा इस सप्ताह सभी पंजीकृत पैराग्लाइडर्स के साथ बैठक करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें पैराग्लाइडिंग का शुल्क भी निर्धारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पैराग्लाइडर्स को भी पंजीकरण के लिए प्रदेश के अन्य जिलों का रुख नहीं करना पड़ेगा। उन्हें अब पंजीकरण की सुविधा चंबा में ही मिल जाएगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व गैरकानूनी तरीके से खजियार व आसपास के क्षेत्रों में पैराग्लाइडिंग होती थी। कई बार हादसे में पर्यटक चोटिल भी हुए तो कई बार कईयों को जान से हाथ भी धोना पड़ा था।
वहीं, प्रशासन भी समय-समय पर खजियार क्षेत्र में दबिश देकर अवैध रूप से इस कार्य को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई करता रहा है। ऐसे में अब पर्यटन विभाग चंबा उक्त पैराग्लाइडिंग साइट को विकसित करने में जुटा हुआ था।
हिमाचल की तीसरी सबसे बड़ी साइट
खजियार में पैराग्लाइडिंग को मंजूरी मिलते ही यह साइट सोलंगनाला तथा बीड़ बिलिंग के बाद तीसरी सबसे बड़ी साइट होगी। खजियार में पैराग्लाइडिंग को मंजूरी मिलने के उपरांत पर्यटकों की आमद में और अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद जगी है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे। दरोटा से लाहरा और लाहरा से दड़ोल तक पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को मंजूरी मिल गई है।
अब पर्यटन विभाग द्वारा इस संबंध में जल्द पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के साथ बैठक करेगा। इसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। शुल्क निर्धारित करने के साथ ही सूचना पट्ट भी स्थापित किए जाएंगे।विजय कुमार, पर्यटन विकास अधिकारी चंबा।
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खजियार में पैराग्लाइडिंग को मंजूरी
मिलने से पर्यटन को पंख लगेंगे। प्रदेश सरकार तथा विभागों के साथ मिलकर जिला चंबा में विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
पवन नैयर, सदर विधायक चंबा।
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गौरतलब है कि पैराग्लाइडिंग का रोमांच पर्यटकों में काफी देखा जा रहा है लेकिन प्रशासन की तरफ से पायलटों और पर्यटकों की सुरक्षा के कुछ खास इंतजाम नहीं किये गये हैं। न तो मौसम की जानकारी उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान है और न ही टेक ऑफ साइट व लैंडिंग साइट में चिकित्सा व रेस्क्यू टीम का प्रबंध किया जा सका है, पायलट अपने ही जोखिम पर यहां से उड़ान भर रहे हैं।
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