क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में फिर चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं एक फिर से चरमरा गई है। इस कारण
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं एक फिर से चरमरा गई है। इस कारण मरीजों को कई परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है और वे अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं।
क्षेत्रीय अस्पताल में कई माह से चर्म रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। चर्म की बीमारी से पीड़ित मरीज अस्पताल तो पहुंच रहे हैं लेकिन चिकित्सक होने से उन्हें मायूस घर लौटना पड़ता है। मरीज मंडी, हमीरपुर, शिमला, चंडीगढ़ व अन्य निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। उपचार के लिए उन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। अस्पताल में चिकित्सक न होने से उनके पास निजी अस्पताल में उपचार के सिवा कोई चारा नहीं बचता है।
बिमला देवी, शालू, कमला देवी, सोमा देवी, रीता देवी, सुमन ठाकुर, निर्मला देवी, कर्ण चंदेल, अश्वनी कुमार, देशराज कुमार, देवी राम, सुरेश कुमार, सहित अन्य कई मरीजों को कहना है कि दो माह से कोई भी डॉक्टर न होने कारण निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। इससे पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है। सरकार द्वारा गरीबों के लिए योजनाएं चलाई लेकिन उनको समय पर उसका लाभ नहीं मिल पर रहा है। उनका कहना है कि जब किसी सुविधा का लाभ मिल ही नहीं रहा है तो उन सभी योजनाओं को बंद कर देना चाहिए। लोगों का आरोप है कि अस्पताल में न कोई डॉक्टर है न कोई टेस्ट फ्री में हो रहा है। अस्पताल की कई मशीनें खराब हैं। इस कारण मरीजों को टेस्ट बाहर जाकर करवाने पड़ रहे हैं। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड न होने कारण निजी अस्पतालों में इस सुविधा का लाभ लेना पड़ता है। इसके लिए मरीज को 300-400 रुपये ज्यादा देने पड़ते है। उन्होने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में रिक्त पदों को जल्द भरा जाए।
उधर, एसएमओ डॉ. सतीश ने बताया कि दो माह से चर्म रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है। इसके बारे में जानकारी शिमला भेज दी गई है। अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।