डरें नहीं डायरिया से
डायरिया और इसके कारण होने वाली डीहाइड्रेशन की समस्या गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है, लेकिन समय रहते सावधानियां बरतकर डायरिया से बचा जा सकता है।
यह सच है कि लापरवाही बरतने पर डायरिया और इसके कारण होने वाली डीहाइड्रेशन की समस्या गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है, लेकिन समय रहते सावधानियां बरतकर डायरिया से बचा जा सकता है। अगर किन्हीं कारणों वश यह मर्ज हो ही गया, तो इसका समुचित इलाज संभव है...
डायरिया एक ऐसा मर्ज है, जिसके मामले गर्मियों में कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों में डायरिया की समस्या गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है। क्यों होता है यह मर्ज
- जब डायरिया जीवाणुओं और वाइरस के संक्रमणों के चलते उत्पन्न होता है, तब उसे एक्यूट इंफेक्शस डायरिया कहते हैं।
- प्रदूषित खाद्य व पेय पदार्थों का खान-
पान।
- बासी भोजन करना।
- खाना खाने से पहले जीवाणुनाशक साबुन से हाथ न धोना।
जटिलताएं
जो बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं, उनमें डायरिया की समस्या गंभीर रूप ले लेती है। उल्टी और दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी (डीहाइड्रेशन) की समस्या उत्पन्न हो जाती है। शरीर में पानी की
अत्यधिक कमी के चलते जीवन पर संकट आ सकता है।
ध्यान दें
मरीज की उल्टी बंद होने के बाद भी डायरिया की समस्या कई दिनों तक जारी रह सकती है। हल्के लूज मोशन या दस्त एक सप्ताह तक हो सकते हैं। इसके बाद व्यक्ति स्वस्थ होकर सामान्य दिनचर्या पर वापस लौट आता है।
तो यह रहा समाधान
संक्रमण से होने वाले डायरिया के अधिकतर मामलों में मरीजों को एंटीबॉयटिक्स दवाएं देने की जरूरत नहीं पड़ती। एंटीबॉयटिक्स की जरूरत तब पड़ती है, जब मरीज को दस्त की समस्या
48 घंटों से ज्यादा वक्त तक लगातार बनी रहे। बुखार और पेट में तेज दर्द की समस्या बरकरार रहे और मरीज के मल में रक्त भी आने लगे। मरीज की अन्य समस्याओं का इलाज रोग के लक्षणों के आधार पर किया जाता है।
डीहाइड्रेशन न होने पाए
सच तो यह है कि इंफेक्शस डायरिया के इलाज के दौरान डीहाइड्रेशन की स्थिति से बचने के प्रयास किए जाते हैं। इसलिए डीहाइड्रेशन का शीघ्र पता लगाकर उसका शीघ्र इलाज कराना जरूरी है।
ऐसे मिलेगी राहत
- डीहाइडे्रशन की समस्या का इलाज घर में रहकर भी किया जा सकता है। तरल पदार्थ खासकर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- हर दस्त के बाद रोगी को एक गिलास
पानी पीना चाहिए।
- डीहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति में (खासकर बढ़ती उम्र के बच्चों और वयस्कों को ओरल रीडीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) को पानी में मिलाकर देना चाहिए। एक लीटर पानी में
ओआरएस मिलाए और फिर इसे रोगी को पीने के लिए दें।
कब ले जाएं अस्पताल
हालांकि ओआरएस लेने से डीहाइड्रेशन की समस्या काफी हद तक काबू में आ सकती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति ओआरएस का घोल भी नहीं पी सकता, तो उसे शीघ्र ही हॉस्पिटल में भर्ती
कराना चाहिए। नवजात शिशुओं, बढ़ती उम्र के बच्चों बुजुर्गो, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों और गर्भवती महिलाओं को डीहाइड्रेशन की स्थिति में शीघ्र से शीघ्र डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
ऐसे करें बचाव
- शिशुओं और छोटे बच्चों को अगर मांएं
स्तनपान कराएं, तो ऐसे बच्चों का डायरिया से काफी हद तक बचाव हो सकता है।
- पानी और खाद्य पदार्थों को स्वच्छ रखें।
- खाद्य पदार्थों को खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं।
- शौच जाने के बाद अच्छी तरह से साबुन से हाथ साफ करें।
- पीने वाले पानी को उबालें और फिर उसे ठंडा कर पिएं।
- बिना पके खाद्य पदार्थों, कटे और खुले
फलों से परहेज करें।
- सब्जी विक्रेता से सब्जियां लेने के बाद इन्हें घर में अच्छी तरह से धोएं।
- जहां तक संभव हो, घर का बना खाना ही खाएं।
ऐसे जानें मर्ज को
- दस्त या (लूज मोशन )का कई बार होना। मल में रक्त के कतरे या म्यूकस भी आ सकते हैं।
- उल्टी भी आ सकती है।
- पेट में मरोड़ या दर्द होना। दस्त होने के बाद पेट दर्द में कुछ समय के लिए राहत महसूस होती है।
- तेज बुखार होना।
- कभी-कभी सिरदर्द होना और हाथ पैरों में दर्द होना।
घर में तैयार करें ओआरएस
6 टीस्पून (चाय की चम्मच) चीनी लें और इसमें आधा टीस्पून नमक मिलाएं। इसके बाद इन दोनों मिश्रणों को एक लीटर स्वच्छ या उबले हुए पानी में मिलाएं। इस पानी को ठंडाकर 5 कपों में रख लें। प्रत्येक कप ऐसा हो, जिसमें 200 मिली लीटर पानी समा सके। इसके बाद जरूरत पडऩे पर एक-एक कप पानी पिएं।
लक्षणों को जानें
डीहाइड्रेशन के लक्षणों को जानकर इस समस्या का शीघ्र इलाज संभव है। डीहाइड्रेशन के प्रमुख लक्षण ये हैं...
- प्यास का अहसास होना।
- मुंह में सूखापन महसूस होना।
- गला सूखना।
- कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।
- गाढ़े रंग की पेशाब होना और पेशाब का बहुत कम होना।
डॉ.रंधीर सूद
प्रमुख: गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी डिपार्टमेंट
मेदांता दि मेडिसिटी, गुडग़ांव