ई विन से जुड़ेगा U-WIN पोर्टल, टीकाकरण के रिकॉर्ड के साथ वैक्सीन का भी डाटा रहेगा पोर्टल
पहले गर्भवती महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण का मैनुअल रिकार्ड अभिभावकों को रखना होता था। अब सरकार ने यू विन पोर्टल की सुविधा शुरू कर दी है। इसके तहत पोर् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। बच्चों व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के रिकार्ड के लिए बनाए गए यू विन पोर्टल से अब वैक्सीन मैनेजमेंट सप्लाई सिस्टम के ई-विन पोर्टल को जोड़ने की तैयारी है। इससे अब वैक्सीन का भी पूरा रिकार्ड पोर्टल पर होगा।
इससे स्वास्थ्य विभाग को मैनुअली रिकार्ड एकत्र नहीं करना होगा। अभी हर सेंटर व कोल्ड चेन प्वाइंट से वैक्सीन की डिटेल ली जाती है। जिससे पता लगता है कि विभाग को कितनी और वैक्सीन की जरूरत है और कितनी वैक्सीन प्रयोग में आ चुकी है। इससे मानिटरिंग आसान रहेगी।
विभाग का काफी काम आसान हुआ
ई-विन पोर्टल शुरू होने से भी विभाग का काफी काम आसान हुआ है, क्योंकि वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच रखना होता है। यह आइस लाइन रेफ्रिजरेटर में रखी जाती है। तापमान की निगरानी के लिए कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती थी लेकिन ई विन पोर्टल शुरू होने से अब ऑनलाइन ही तापमान का पता लग जाता है। यह नेशनल व स्टेट से भी जुड़ा है।
इससे सभी कोल्ड चेन प्वाइंट भी जुड़े हुए हैं। यदि कहीं पर किसी तकनीकी कमी या फिर बिजली जाने की वजह से रेफ्रिजरेटर बंद होता है और तापमान बढ़ने लगता है तो पोर्टल पर तुरंत मैसेज आ जाता है। इसके साथ ही यह अलार्म भी देने लगता है।
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जिले में 30 कोल्ड चेन प्वाइंट
स्वास्थ्य विभाग के पास नागरिक अस्पताल में वैक्सीन स्टोर हैं। जिसमें आइस लाइन रेफ्रिजरेटर रखे हुए हैं। इनके साथ वाइफाइ से युक्त सिस्टम लगा है। जिसके माध्यम से पोर्टल तक तापमान की जानकारी जाती है। इसके अलावा 30 कोल्ड चेन प्वाइंट हैं। यह सीएचसी व पीएचसी पर हैं। सभी में वाइफाइ युक्त सिस्टम लगा हुआ है। जिससे पोर्टल पर ही किसी भी कोल्ड चेन पर तापमान की स्थिति का पता लग जाता है।
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अभी शुरू हुआ यू विन पोर्टल
पहले गर्भवती महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण का मैनुअल रिकार्ड अभिभावकों को रखना होता था। अब सरकार ने यू विन पोर्टल की सुविधा शुरू कर दी है। इसके तहत पोर्टल पर ही पूरा रिकार्ड रहेगा। जब टीकाकरण का समय आएगा तो मैसेज अभिभावक तक पहुंच जाएगा। वह अपने बच्चे के टीकाकरण से संबंधित रिकार्ड भी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इससे टीकाकरण कार्ड को रखने या फिर उसके खोने फटने का झंझट खत्म हो गया है।
तरह की होती है वैक्सीन
बच्चों को बीमारियों से बचाव के लिए अलग-अलग समय पर टीकाकरण किया जाता है। इसके लिए 11 तरह की वैक्सीन हैं। मुख्य रूप से बीसीजी, पोलियो, हैपेटाइटिस, पेंटा वालेंट, खसरा व रूबेला, जापानीज बुखार, रोटा, निमोनिया व गर्भवती महिलाओं को बचाव के लिए टीकाकरण है। सितंबर माह की बात करें तो जिले में 2500 बीसीजी, पोलियो के 9800, तीन हजार खसरा व रूबेला, तीन हजार जापानीज बुखार, 4200 पेंटा के टीके लगाए गए हैं।

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