ग्रामीणों को डेंगू के मच्छर की पहचान कराएंगे सरपंच
जागरूकता की कमान अब गांवों के सरपंचों और ग्राम सचिवों को सौंपी गई है। वे गांवों में सभा करके लोगों को डेंगू के मच्छर की पहचान उसके पनपने का कारण बीमारी और रोकथाम की जानकारी मुहैया कराएंगे।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: डेंगू की भयावह स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जागरूकता अभियान तेज करने पर जोर दिया है। इसके चलते जागरूकता की कमान अब गांवों के सरपंचों और ग्राम सचिवों को सौंपी गई है। वे गांवों में सभा करके लोगों को डेंगू के मच्छर की पहचान, उसके पनपने का कारण, बीमारी और रोकथाम की जानकारी मुहैया कराएंगे। इससे डेंगू के नियंत्रण में मदद मिल सकेगी। तापमान में कमी होने का असर भी डेंगू पर पड़ेगा। डेंगू के खिलाफ जागरूकता की कमान जिला पंचायतराज व विकास अधिकारी संभाल रहे हैं।
- यह है स्थिति:
बुखार का कहर शहरों से गांवों तक फैल गया है। बुखार में वायरल, मलेरिया और डेंगू के लक्षण एक साथ मिल रहे हैं। कई रोगियों में चिकनगुनिया के लक्षण भी देखने को मिले हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हैं। बुखार, खांसी और संक्रमण के नियंत्रण में प्रयोग होने वाली एंटीबायोटिक्स दवाओं को लेकर मारामारी मची है। बुखार आने के दो-तीन दिन में ही मरीजों की हालत गंभीर होने लगती है। अस्पतालों के साथ ही जांच कराने के लिए लैब पर भी लाइन लग रही हैं।
- ऐसे होगा नियंत्रण:
प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी डेंगू के प्रति जागरूकता पैदा करने में लगा दिया है। सबसे ज्यादा जिम्मेदारी गांवों से जुड़े अधिकारियों पर है। ग्राम विकास अधिकारी और सरपंचों को लोगों को जागरूक करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके लिए गांवों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों को डेंगू के मच्छर की पहचान के साथ ही सभी तरह के संक्रमण व वायरल बुखार से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
- यह करें उपाय:
- डेंगू का एडीज मच्छर हल्के भूरे रंग का होता है, इसका खास ध्यान रखें
- यह मच्छर दिन के समय में काटता है और पैरों पर ज्यादा हमला करता है
- यह साफ पानी में पैदा होता है और बड़ी तेजी से फैलता है
- जूता-मोजे पहनकर रहें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें
- अपने आसपास पानी जमा नहीं होने दें, पानी साफ कर दें या उसमें केरोसिन-पेट्रोल डाल दें।
- कूलर का पानी निकल दें और एसी के पानी को रोजाना साफ करते रहें
- पालीथीन-टायर व नारियल के खोल में भरे पानी को बाहर फेंक दें
- लोगों से हाथ मिलाना छोड़ दें और दूर से ही अभिवादन करें
- बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें
- पानी ज्यादा पिए और तरल पदार्थ का सेवन करते रहें।
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सभी गांवों में जागरूकता कमेटियां बना दी गई हैं। सभी गांवों में स्प्रे मशीन उपलब्ध हैं, उनसे कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है। ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। जिन गांवों में ज्यादा बीमार मिल रहे हैं, उसकी सूचना स्वास्थ विभाग को देकर उपचार व कैंप की व्यवस्था कराई जा रही है। अब तापमान में कमी होनी शुरू हो गई है। इससे जहां मच्छरों का प्रजनन नियंत्रित होगा , वहीं लोग ज्यादा कपड़े पहनने लगेंगे। ऐसे में जल्द ही डेंगू का नियंत्रण संभव हो सकेगा।
- रुपेंद्र मलिक, जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी।