Sonipat: विदेशी कॉल को लोकल करके चोरी से सुनवाने के 3 आरोपित गिरफ्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए था बड़ा खतरा
साइबर थाना पुलिस ने विदेशी काल को लाेकल वायस काल बनाकर आठ राज्यों के लोगों को सुनवाने वाले गैंग के तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित विदेशी काल को सरकार की निगरानी के बिना चोरी से लोगों को सुनवाते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए था बड़ा खतरा
सोनीपत, जागरण संवाददाता। साइबर थाना पुलिस ने विदेशी काल को लाेकल वायस काल बनाकर आठ राज्यों के लोगों को सुनवाने वाले गैंग के तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित विदेशी काल को सरकार की निगरानी के बिना चोरी से लोगों को सुनवाते थे। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान होने के साथ ही राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न हो गया था। पुलिस ने दो आरोपितों को जेल भेज दिया है। वहीं मुख्य आरोपित को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। गैंग की मुखिया हांगकांग की रहने वाली दो महिलाएं हैं।
यह था मामला
साइबर थाना पुलिस ने 14 अक्टूबर को रामनगर स्थित पत्थर वाली गली में सुनील कुमार के मकान पर छापामारी की थी। उसके यहां पर फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया था। वह बिना लाइसेंस के विदेश से आने वाली वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल(वीओआइपी)काल को लोकर बनाकर देश के कई राज्यों के लोगों तक पहुंचाते थे। इन विदेशी काल पर सरकार की निगरानी नहीं थी। इसके साथ ही सरकार को बड़े स्तर पर राजस्व की क्षति हो रही थी।
किराए पर लिया गया था मकान
पुलिस जांच में सामने आया कि सुनील कुमार का घर एकांत में पड़ता है। वहां पर ज्यादा लोगों की आवाजाही नहीं है। सुनील कुमार के घर को रामनगर के ही रहने वाले राजकमल पांडे ने किराए पर लिया हुआ था। वह सरकारी निगरानी से छिपाकर एक्सचेंज चला रहा था। पुलिस ने उसको भी गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित सुनील कुमार और राजकमल पांडे को पुलिस ने जेल भेज दिया था। आरोपितों ने पुलिस को एक्सचेंज का संचालन कराने वाले मास्टरमाइंड की जानकारी दी थी।
देहरादून का रहने वाला है मास्टरमाइंड
पुलिस ने देहरादून के संगम विहार के रहने वाले अनुराग गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से एक लैपटाप और 22 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। अनुराग गुप्ता को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। कंप्यूटर के मास्टरमाइंड अनुराग ने बताया कि हांगकांग की रहने वाली महिला मिस मेडिसिन व मिस सेमहुई से इंटरनेट मीडिया पर हुई थी। उक्त महिलाओं ने अनुराग को इस तरह के फर्जी एक्सचेंज चलाने का आइडिया दिया था।
हांगकांग से होता था गैंग का संचालन
दोनों महिलाएं हांगकांग से इस गैंग का संचालन करती थीं। वह कनाडा, यूएसए और हांगकांग आदि देशों से आने वाली काल को अनुराग गुप्ता के फर्जी एक्सचेंज में भेजती थीं। वह इन काल को फर्जी एक्सचेंज में वायस काल में बदलकर संदिग्ध लोगों को सुनवाता था। यह जम्मू कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट, मध्यप्रदेश और दिल्ली के लोगों से बातचीत कराते थे। पुलिस इनको संदिग्ध मानकर चल रही है।
यह होती हैं वीओआइपी काल
वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल तकनीक से यह संवाद होता है। इसमें काल को वायस पैकेज के रूप में भेजा जाता है। इसको एक्सचेंज में परिवर्तत करके वायस काल बना लिया जाता है। इसके लिए किसी वायर लाइन की जरूरत नहीं होती है। इस तरह के एक्सचेंज के लिए 2.50 करोड़ रुपये की सरकारी फीस होने के साथ ही काल की निगरानी होती है।
बिना सत्यापन के किराए पर न दें मकान
हमारी टीम गैंग के अन्य सदस्यों और इनके देशद्रोही मंसूबों की जांच कर रहे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इनके संबंध अन्य किन देशों में थे। वहीं देश में इनके अन्य सूत्रों की जानकारी की जा रही है। किसी को भी अपना मकान बिना एग्रीमेंट और सत्यापन के ना दें। बिना एग्रीमेंट वाले मकान में संदिग्ध गतिविधि चलने पर मकान मालिक को भी जेल भेजा जाएगा। सुनील को इसी आरोप में जेल भेजा गया है।
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