परियोजनाएं तैयार, जनता को इंतजार
ओपी वशिष्ठ, रोहतक : प्रदेश की राजनीतिक राजधानी रोहतक में जनता को पूर्व की कांग्रेस सरकार में कई परिय
ओपी वशिष्ठ, रोहतक : प्रदेश की राजनीतिक राजधानी रोहतक में जनता को पूर्व की कांग्रेस सरकार में कई परियोजनाओं के रूप में कई बड़ी सौगात तो मिलीं, लेकिन जनता को अभी तक इनका लाभ नहीं मिल पाया है। ऐसा नहीं है कि परियोजनाएं पूरी नहीं हुई। पूरी हो चुकी हैं और उद्घाटन का इंतजार कर रही हैं। अब जनता में आवाज उठने लगी है कि परियोजनाओं को लेकर राजनीति हो रही है।
शहर में श्रीराम रंगशाला के अलावा महम में साईं का खेल हॉस्टल, लघु सचिवालय, सांपला में बस स्टैंड, रेलवे ओवरब्रिज, हसनगढ़ में आइटीआइ का भवन पूर्व की कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था। इन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। निर्माण कार्य भी तेजी से हुआ। अब सभी परियोजनाएं लंबे समय से बनकर तैयार हैं, लेकिन सरकार द्वारा इन परियोजनाओं का उद्घाटन नहीं हो पा रहा। यही कारण है कि कई प्रोजेक्ट तो तैयार होने के बाद देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त भी होने लगे हैं, लेकिन जनता को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा। लोगों में इसको लेकर अब नाराजगी भी दिखने लगी है। विपक्ष भी सरकार पर हमला बोलता रहता है।
ये प्रोजेक्ट कर रहे हैं इंतजार
1. लघु सचिवालय महम
स्वीकृत राशि 815 लाख
निर्माण की शुरूआत 22 दिसंबर 2011
निर्माण कार्य पूरा 21 अगस्त 2014
फायदा
लघु सचिवालय के तीन मंजिला भवन का उद्घाटन होते ही सभी सरकारी कार्यालय एक ही छत के नीचे आ जाएंगे। इससे जनता को अपने कार्यों को लेकर इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। अब लोगों को सरकारी कार्यालयों में जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कई सरकारी कार्यालय तो जर्जर भवनों में चल रहे हैं। अधिकारी व कर्मचारियों को डर से साये में काम करना पड़ता है।
2. बस स्टैंड सांपला
स्वीकृत राशि 428. 30 लाख
निर्माण शुरू 24 अप्रैल 2013
निर्माण पूरा 23 अक्टूबर 2014
फायदा :
सांपला में बस स्टैंड नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। रोडवेज बस सांपला बाईपास से होकर गुजरती है। रोडवेज बस चालकों द्वारा सांपला के अस्थाई स्टैंड पर बसें न रोकने की शिकायत रहती है। अगर बस स्टैंड शुरू कर दिया जाए तो यात्रियों को यात्रा करने में बसों का इंतजार नहीं करना होगा।
3. आइटीआइ हसनगढ़ का प्रशासनिक और कार्यशाला का भवन
स्वीकृत राशि 560 लाख
निर्माण शुरू 22 अगस्त 2013
निर्माण पूरा 12 नवंबर 2014
फायदा :
हसनगढ़ स्थित आइटीआइ में प्रशासनिक भवन और कार्यशाला का भवन बनने से जहां प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों को बेहतर भवन मिल जाएगा। वर्तमान में प्रशासनिक भवन नहीं होने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी तरह कार्यशाला भवन नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल में दिक्कत होती है। करीब एक वर्ष से भवन तैयार है, लेकिन उद्घाटन नहीं हो रहा।
4. महम में खेल हॉस्टल
स्वीकृत राशि 400 लाख
निर्माण शुरू 22 अगस्त 2013
निर्माण पूरा 31 मार्च 2015
फायदा :
हरियाणा खेल एवं युवा मामले विभाग की तरफ से महम में चार मंजिला सौ बेड का खेल हॉस्टल बनकर तैयार है। इसमें खिलाड़ियों को को¨चग व ठहरने की व्यवस्था रहेगी। इसमें मल्टीपर्पज हॉल, डाइ¨नग हॉल, किचन व अन्य सुविधाएं हैं, लेकिन इस हॉस्टल का उद्घाटन भी नहीं हो पा रहा।
5. श्रीराम रंगशाला
मानसरोवर पार्क के समीप करोड़ों रुपये की लागत से श्रीराम रंगशाला का निर्माण भी पूरा हो चुका है, लेकिन सरकार की तरफ से इसका भी उद्घाटन नहीं हो पाया है। श्रीराम रंगशाला का उद्घाटन नहीं होने के कारण लोगों को लंबे समय से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद नहीं लिया है। इससे पूर्व यहां पर नगर निगम की तरफ से सेकेंड शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन लंबे समय से सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो पा रहे।
जनता से कोई सरोकार नहीं : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह
हुड्डा का कहना है कि उन्होंने तो पहले ही बोल दिया था उनके समय में किए गए कार्यों का रखरखाव भी बेहतर ढंग से भाजपा सरकार कर देगी तो हम उसे सफल सरकार मानेंगे, लेकिन रखरखाव तो दूर उनकी पूरी हुई परियोजनाओं का भी जनता को लाभ नहीं मिल रहा। भाजपा ने एक वर्ष में खुद तो कोई कार्य किया नहीं, उनके समय किए गए कार्यों पर ही फीता काटकर वाहवाही लूटना चाहती है। इन परियोजनाओं में भी ऐसा ही होगा, कभी भी फीता काटकर उद्घाटन कर दिया जाएगा, लेकिन इसमें भी देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि जनता को इसका सीधा लाभ मिलने वाला है।
शीघ्र होगा परियोजनाओं का उद्घाटन : ग्रोवर
भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं शहर विधायक मनीष ग्रोवर का कहना है कि जिले में जो प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, उनके उद्घाटन शीघ्र करवाएं जाएंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री रोहतक में आए थे, तब उद्घाटन करने की योजना थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उद्घाटन टालने पड़े। सरकार की प्राथमिकता राजनीति से ऊपर उठकर जनता को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है।